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भारत ने जताया विरोध, हाफिज के साथ मंच पर दिखे फिलिस्तीन के राजदूत

मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की रैली में फिलिस्तीन के राजदूत के शामिल होने को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने इस संबंध में फिलिस्तीन सरकार के सामने कड़े शब्दों में नाराजगी जाहिर की है। इस रैली का आयोजन रावलपिंडी में हुआ था, जिसके बाद हाफिज और फिलिस्तीनी राजदूत की तस्वीर काफी वायरल भी हुई।भारत ने जताया विरोध, हाफिज के साथ मंच पर  दिखे फिलिस्तीन के राजदूत

 शुक्रवार शाम विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हम नई दिल्ली में फिलिस्तीन के राजदूत और फिलिस्तीन के अधिकारियों के सामने मजबूती से उठा रहे हैं।’ रावलपिंडी के लियाकत बाग में आयोजित इस रैली में फिलिस्तीन के पाकिस्तानी राजदूत के शामिल होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। पाकिस्तानी पत्रकार ओमार आर कुरैशी ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। 
 
इजरायली अधिकारी ने दी प्रतिक्रिया 
इस घटना के बाद नई दिल्ली में इजरायली दूतावास में पब्लिक डिप्लॉमेसी की प्रमुख फ्रोइम दित्जा ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘राजदूत कितनी ‘चार्मिंग’ कंपनी रखते हैं।’ 
 
बता दें कि पिछले दिनों यूएन में यूएनजीए रेजॉलूशन के खिलाफ वोट दिया था, जिसमें यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की बात कही गई थी। गौरतलब है कि भारत के साथ 127 देशों ने अमेरिका के इस रेजॉलूशन के खिलाफ वोट करते हुए इजरायल और फिलिस्तीन के बीच समझौते के बाद ही मान्यता देने की बात कही थी। भारत के इस वोट को इजरायल के विरोध के तौर पर देखा जा रहा है। इजरायल और अमेरिका को भारत के करीबी मित्र के तौर पर देखा जाता है। 

मोदी सरकार के कुछ समर्थक भी भारत के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इजरायल के सरकार ने भारत के सामने इस वोट को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसी साल न सिर्फ फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भारत के दौरे पर आए थे, बल्कि पीएम मोदी भी आने वाले महीनों में फिलिस्तीन की यात्रा पर जा सकते हैं। जबकि फिलिस्तीन न सिर्फ भारत और इजरायल की बढ़ती दोस्ती की विरोध करता रहा है, बल्कि यूएन और आईओसी में कई साल से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर लगातार भारत के खिलाफ वोट भी करता रहा है। 

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