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भाषण के दौरान रोने पर 3 दिन बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने दी सफाई, कहा-असहाय नहीं हूँ, न ही कांग्रेस से परेशान

3 दिन पहले अपने भाषण के दौरान भावुक हो जाने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि उनके आंसू उनकी असहायता को नहीं दर्शाते हैं. साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला था.

भाषण के दौरान रोने पर 3 दिन बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने दी सफाई, कहा-असहाय नहीं हूँ, न ही कांग्रेस से परेशानदिल्ली के दौरे पर आए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने पार्टी के कार्यक्रम में कुछ भी गलत नहीं कहा क्योंकि यह उनके लिए पारिवारिक कार्यक्रम जैसा था. उन्होंने इस मामले को ज्यादा तूल देने के लिए मीडिया की आलोचना की.

जनता दल (सेकुलर) के नेता कुमारस्वामी ने साफ किया कि उन्होंने अपने भाषण के दौरान कभी भी कांग्रेस या उसके नेता को उन्हें परेशान करने का आरोप नहीं लगाया. उन्होंने कहा, ‘मैं एक भावुक इंसान हूं, लेकिन असहाय नहीं हूं. क्या मेरे आंसू किसी सरकारी कार्यक्रम में निकले थे. बतौर मुख्यमंत्री मैंने योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए सख्ती से काम किया है.’

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं एक पारिवारिक कार्यक्रम में बोल रहा था. मैंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपना दर्द साझा किया. मैंने किसी कांग्रेसी नेता की आलोचना नहीं की. बात करते वक्त मैं भावुक हो गया और आंसू अपने आप ही निकल आए. मुख्यमंत्री से ज्यादा मैं एक आम इंसान हूं और मुझमें संवेदनाएं भी हैं.’

‘मेरे अच्छे काम को लेकर मीडिया उत्साहित नहीं’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री इस समय दिल्ली के दौरे पर हैं और इस दौरान उनका कई केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का कार्यक्रम है. साथ ही वह संसदीय सत्र के दौरान कावेरी मुद्दे को सदन में उठाने को लेकर अपने राज्य के सांसदों से बैठक करने वाले हैं.

मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कुमारस्वामी ने कहा, ‘उस दिन मैंने करीब एक घंटा भाषण दिया. लेकिन उस दौरान मैंने कभी भी यह नहीं कहा कि कांग्रेस परेशान कर रही है. मैंने मीडिया में अपने दोस्तों से कहा कि मैंने किसानों की कर्जमाफी और उनके हितों से जुड़े कार्यक्रमों सख्ती से लागू किया, लेकिन कुछ लोग मेरे अच्छे काम को प्रोत्साहित करने के प्रति रुचि नहीं दिखा रहे.’

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चला रहे हैं. लेकिन जनता की अपेक्षाओं के दबाव तले दबे मुख्यमंत्री शनिवार को बेंगलुरु में अपने सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में भावुक हो गए और कहा कि वह सीएम की कुर्सी पर बैठक खुश नहीं हैं.

‘विषकंठ की तरह जहर पी रहा’

कुमारस्वामी ने कहा था, ‘मैं भगवान विषकंठ (नीलकंठ) की तरह जहर पी रहा हूं. आप सभी मेरे सीएम बनने से खुश होंगे, लेकिन मैं खुश नहीं हूं.’ कुमारस्वामी किसानों की कर्ज माफी के बाद आयोजित सम्मान समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘यह सही है कि चुनाव से पहले मैं इस राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहता था और लोगों से बहुत सारे वादे किए थे. लोग अब खुश हैं, लेकिन मैं नहीं हूं.’

कुमारस्वामी ने कहा था, ‘अगर मैं चाहूं तो कभी भी अपना पद छोड़ सकता हूं. जहां भी जाता हूं लोग मेरा स्वागत करते हैं और बताते हैं कि वे किसानों की कर्ज माफी से खुश हैं. लेकिन मुझे दुख होता है कि उन लोगों ने इतना वोट नहीं दिया कि मेरी पार्टी को बहुमत मिले. कोई भी राज्य किसानों का कर्ज माफ नहीं करना चाहता है. विपक्ष निशाना साधने के लिए तैयार बैठा है. सरकार ने अपना वादा निभाया और किसानों का कर्ज माफ कर दिया.’

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