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महाराष्‍ट्र में जल्‍द खुल सकतें हैं स्‍कूल, योजना पर विचार कर रही सरकार

मुंबईः राज्य सरकार महाराष्ट्र में 17 अगस्त से स्कूल शुरू करने का विचार कर रही है। कल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने इस बात की सूचना दी के ग्रामीण क्षेत्रों में पांचवी से आठवी कक्षा तक स्कूलें शुरू होंगे वहीं शहरी क्षेत्रों में 9-12 कक्षा तक स्कूलें शुरू होंगी। इस बीच क्या बच्चों के माता-पिता स्कूलों में फिर से उन्हें भेजने के लिए तैयार हैं या नहीं ये बड़ा सवाल उठता है।

1.5 साल से चल रही कोरोना की महामारी ने स्कूल में पढ़ते बच्चों को घर पर ऑनलाइन पढाई की आदत डाल दी है। जूम कॉल पर शिक्षक किताबों में जो लिखा है उसे ऑनलाइन समझाती हैं वहीं बच्चे 1-2 घंटे लगातार फोन में देख कर सीखने की कोशिश करते हैं। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई (online study) करते समय बच्चे फोन और लैपटॉप में व्यस्त रहते हैं।

शिक्षा मंत्री (Minister of Education) वर्षा गायकवाड़ ने सूचना दी के राज्य सरकार अब तक विचार कर रही है और योजना बना रही है कि कैसे ग्रामीण क्षेत्रों में 5-8 कक्षा तक बच्चों को स्कूल में बुलाया जायेगा वहीँ शहरी इलाकों में 9-12 कक्षा तक की योजना बनाई जा रही है।

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के इस स्कूल रीओपेनिंग के विचार पर मुंबई के प्रभादेवी इलाके के श्री साई सुंदर नगर इस सोसाइटी में रहने वाले माता-पिता का मानना है कि सरकार का विचार बेहद ज़रूरी और अच्छा है। क्योंकि कई बच्चे ऑनलाइन सीखने के वक़्त पढाई में ध्यान नहीं देते और गेमों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। वहीं, स्कूलों में व्यवहारिक ज्ञान मिलता है और शारीरिक गतिविधियां भी होती है। लेकिन कुछ माता-पिता की यह भी मांग है कि वह स्कूलों में टीचरों को वैक्सीन के दोनो टिके लगे होने चाहिए वहीं एक दिन छोड़कर बच्चों को आधे संख्या में बुलाना चाहिए, जैसे की 25 बच्चे एक दिन और 25 दूसरे दिन।
बच्चों के माता पिता सरकार के इस योजना से खुश है लेकिन बच्चों की सुरक्षा की भी चिंता है। इस कारण उनकी मांग है के राज्य सरकार स्कूलों में बच्चों की संख्या को कम रखें और टीचरों के टिकाकरण को भी ध्यान मे रखते हुए स्कूल शुरू करें।

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