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माल्या के प्रत्यर्पण मामले पर फैसले की घड़ी, आज लंदन कोर्ट में अंतिम सुनवाई

नई दिल्ली : शराब के कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर मंगलवार को लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई होगी। वहीं मामले की अंतिम सुनवाई में किसी भी क्षण फैसला आने की उम्मीद बताई जा रही है। जबकि कोर्ट के इस फैसले से माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार को भी बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं।

बताया जा रहा है की सीबीआई और ईडी दोनो की टीमें लंदन पहुंच चुकी है। अगर कोर्ट ने भारत की उम्मीदों के खिलाफ फैसला लेता है तो ऐसे में बिना समय गंवाए सीबीआई और ईडी लंदन की सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं। वहीं प्रत्यर्पण पर भारत के खिलाफ केस लड़ रहे माल्या को कोर्ट से अपने पक्ष में फैसले की उम्मीदें होंगी। 3 – 4 माह से दोनों पक्ष (भारत सरकार और माल्या के वकील) की तरफ से जज एम्मा आर्बुथनॉट के पास लिखित में अपने तर्क जमा किया जा रहे थे। वहीं भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के प्रवक्ता ने कहा कि न्यायाधीश आर्बुथनॉट मामले पर अंतिम सुनवाई करेंगी और फैसले को सुरक्षित रख लिया जाएगा। जबकि इससे पहले 27 अप्रैल को कोर्ट ने भारतीय केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई की तरफ से जमा कराए गए सारे सबूतों को स्वीकार कर लिया है। सबूत स्वीकार किए जाने से माल्या को वापस ले जाने के लिए चल रहे भारतीय खेमे के प्रयासों को उत्साह मिला था, और सफलता की उम्मीद बढ़ गई थीं। जबकि वहीं माल्या ने भारतीय अधिकारियों से स्वदेश लौटने और कानून का सामना करने की इच्छा जता चुका है। शराब कारोबारी ने भारतीय अधिकारियों से इच्छा जताई थी, कि वह भारत में जारी कानूनी प्रक्रिया में शामिल होना चाहता है| खुद के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्याशदे के तहत हुई हालिया कार्रवाई का सामना करना चाहता है। वहीं अध्यादेश के तहत भारत सरकार देश और विदेशों में माल्या से जुड़ी सभी संपत्तियों को तत्काल जब्त करवा सकती है। हालांकि जांच एजेंसियों के शीर्ष सूत्रों ने सरकार के उक्त कदम के बारे में ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। ईडी ने नौ हजार करोड़ से अब दस हजार करोड़ हो चूका है| कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में शराब कारोबारी के खिलाफ मुंबई स्थित विशेष पीएमएलए अदालत में याचिका दायर करके भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

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