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मोदी का कांग्रेस पर हमला, बताया लोकतंत्र का अर्थ, गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

 विपक्ष के भारी शोर-शराबे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस के आरोपों का जोरदार तरीके से जवाब दिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिए जहां कांग्रेस के परिवारवाद पर ताना मारा, वहीं सहयोगी दलों का गुणगान कर उन्हें साधने की भी कोशिश की। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आंध्र प्रदेश और चुनावी राज्य कर्नाटक का कई बार जिक्र किया। पीएम ने अपने भाषण में कभी शायरी तो कभी आंकड़ों से कांग्रेस के हर आरोप को खारिज कर दिया।मोदी का कांग्रेस पर हमला, बताया लोकतंत्र का अर्थ, गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

 
मोदी ने कांग्रेस और विपक्ष की नारेबाजी के बीच बेहद तेज-तर्रार शैली और आक्रामक तरीके से कांग्रेस पर विभाजन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘आपके चरित्र में है बांटना। भारत का विभाजन किया आपने। देश के टुकड़े किए और जो जहर बोया, आज आजादी के 70 साल बाद भी आपके उस पाप की सजा सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी भुगत रहे हैं।’ 

आंध्र प्रदेश के अपमान का मुद्दा उठाया, TDP को साधा 

आंध्र प्रदेश की सहयोगी टीडीपी के नाराज होने की खबरों के बीच पीएम मोदी ने इमोशनल कार्ड खेला। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने चुनाव को ध्यान में रखकर संसद के दरवाजे बंद करके आंध्र प्रदेश के लोगों की भावनाओं की परवाह किए बिना तेलंगाना बनाया। आज 4 साल बाद भी समस्याएं सुलगती रहती हैं। ये इस प्रकार की चीजें आपको शोभा नहीं देती। आपके प्रधानमंत्री श्रीमान राजीव गांधी ने हैदराबाद में चुने हुए लोकप्रिय दलित मुख्यमंत्री का अपमान किया।’ 

पीएम ने नाराज सहयोगी टीडीपी को खुश करने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘श्रीमान राजीव जी ने खुलेआम दलित मुख्यमंत्री को अपमानित किया था। ये तेलगुदेशम पार्टी, ये एनटी रामाराव उस अपमान की आग में से पैदा हुए थे। रामाराव को उस अपमान का बदला लेने के लिए अपना फिल्म करियर छोड़कर राजनीति में आना पड़ा था। इस देश में 90 से अधिक बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए राज्यों में उभरती पार्टियों को फेंक दिया गया। आपने पंजाब में अकालियों के साथ क्या किया?’ 

खड़गे को समझाया लोकतंत्र का पाठ 

मोदी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी निशाने पर लिया, लेकिन इशारों में कर्नाटक की जनता को भी समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘खड़गे जी का भाषण सुन रहा था। समझ नहीं पा रहा था कि वह कर्नाटक के लोगों को संबोधित कर रहे थे कि अपने ही दल के नीति निर्धारकों को खुश करने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने बशीर बद्र की शायरी से शुरू किया। मैं आशा करता हूं कि उन्होंने जो शायरी सुनाई कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने भी सुनी होगी।’ 

बशीर बद्र की शायरी पूरी की 

पीएम ने कहा, खड़गे जी ने बशीर बद्र की शायरी सुनाई ‘दुश्मनी जमकर करो, लेकिन यह गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों।’ मोदी ने इसके बाद कहा कि बशीर बद्र की शायरी का जिक्र किया तो अच्छा होता कि उसके पहले वाली राय को भी याद कर लेते तो देश को पता चलता कि आप कहां खड़ें हैं। उसी शायरी बशीर बद्र ने कहा था, ‘जी चाहता है कि सच बोलें क्या करें हौसला नहीं होता।’ 

अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं 
पीएम मोदी ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘झूठा भाषण बंद करो’ जैसे नारों के बीच दमदार तरीके से अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा, ‘सुनने की हिम्मत चाहिए मेरी आवाज दबाने के लिए इतनी कोशिश नाकाफी है। पिछली सरकार में 11 किमी. नैशनल हाइवे बनते थे आज 22 किलोमीटर बन रही। हमारी सरकार के 3 साल में 1 लाख 20 किमी. सड़कें बनीं। 2011 से 2014 तक सिर्फ 59 पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाए। हमने आने के बाद इतने कम समय में 1 लाख से अधिक पंचायतों में 1 लाख से अधिक पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाए। 

 

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