रोहित वेमुला का स्मारक बचेगा? यूनिवर्सिटी की मीटिंग में बताया गया अवैध
एजेन्सी/ बेंगलुरु: सीमेंट के 10 फीट के ‘स्तूप’ और एक टेंट, कुछ फोटो और संदेश जो रोहित वेमुला के नाम पर बने मेमोरियल का प्रतीक हैं। यह सब हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में है। रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कई दिनों तक छात्रों ने प्रदर्शन किया।
एनडीटीवी के हाथ लगी यूनिवर्सिटी प्रशासन की एक मीटिंग की रिपोर्ट से यह खुलासा होता है कि प्रशासन इस मेमोरियल के कंस्ट्रक्शन को अवैध मानता है और जल्द ही इसे गिराया जा सकता है। इस पूरे मसले पर पहले ही तमाम छात्र आंदोलनरत रहे थे और कुछ दिन पहले छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में तमाम टीचर छुट्टी पर चले गए थे।
एनडीटीवी से बात करते हुए यूनिवर्सिटी के वीसी अप्पा राव ने कहा कि यह कंस्ट्रक्शन अवैध है, जिसे हटाया जाना है। लेकिन हम पहले नोटिस जारी करेंगे और फिर हटाएंगे।
वीसी ने 24 मार्च को मीटिंग की थी। यह मीटिंग उस घटना के ठीक दो दिन बाद हुई जिसमें वीसी को कई छात्रों ने करीब छह घंटों तक उनके घर में स्थित दफ्तर में बंधक बनाकर रखा था। पुलिस को वीसी को छुड़ाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इसी दौरान कई छात्र और छात्राओं से दुर्व्यवहार करने के आरोप पुलिस पर लगे। इसी के विरोध में कई टीचर एक दिन की छुट्टी पर चले गए थे। बता दें कि कई छात्रों ने वीसी राव पर ही रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए थे।
26 वर्षीय दलित छात्र रोहित वेमुला को बीजेपी से जुड़े छात्रसंघ के नेता की शिकायत के बाद कैंपस और हॉस्टल से बाहर किए जाने का आदेश दिया गया था। रोहित ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। मौत से पहले लिखी चिट्ठी में रोहित ने तमाम बातें कही थीं।
राव ने कहा कि बाहरी लोगों के कैंपस से दूर रखने के कारण यहां का वातावरण कुछ शांत हुआ है। इसलिए 25 अप्रैल तक फिलहाल ऐसा किया जाएगा।