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लालू ने राजद नेताओं से कहा, मुझसे पूछे बिना मीडिया में कोई बयान न दें

lalu-prasad_650x400_71448462575 (1)पटना: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव मीडिया में महागठबंधन में बयानों की वजह से हो रही आलोचना से बचना चाहते हैं। शनिवार को पटना में पार्टी के एक कार्यक्रम में लालू यादव ने साफ कहा कि मीडिया में बयान देने से पहले हमसे समझ लीजिएगा। लालू यादव ने यह भी फरमान जारी किया कि जरूरत होगी तो बताया जाएगा कि कौन जाएगा और कहां जाएगा।

विवाद को शांत करने की कोशिश
राज्य इकाई के अध्यक्ष पद पर रामचन्द्र पुर्बी के एक बार फिर निर्विरोध चुने जाने के मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अपने भाषण में लालू यादव ने पिछले तीन दिनों के दौरान जनता दल यूनाइटेड और राजद के प्रवक्ता के बीच जारी वाक युद्ध पर अपने भाषण से पानी डालने का काम किया। लालू यादव के रुख से स्पष्ट था कि वे अब इस विवाद को ज्यादा तूल नहीं देना चाहते। हालांकि लालू यादव ने शुक्रवार को भी इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर करते हुए दोनों दलों के प्रवक्ताओं को शांत रहने की सलाह दी थी और कहा था कि वे अपने घर में कम्बल ओढ़कर सो जाएं।

रघुवंश प्रसाद ने केंद्र को बनाया निशाना
राष्ट्रीय जनता दल से वाक युद्ध की कमान संभालने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपने भाषण में केंद्र को निशाने पर रखा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ वे कोर्ट में वादाखिलाफी का मुकदमा करेंगे। रघुवंश प्रसाद ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल की राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क योजना का बार-बार जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना में वर्तमान में राज्यों के ऊपर राशि देने का भार बढ़ाया गया है। इससे साफ है कि न केवल मोदी सरकार इस योजना को बंद करना चाहती है बल्कि यह भी साफ होता है कि मोदी के मन में वाजपेयीजी के लिए कितना सम्मान है।

प्रशांत किशोर ने की मध्यस्थता
शनिवार को लालू यादव के बयान के बाद जनता दल यूनाइटेड की तरफ से तू-तू, मैं-मैं वाला कोई बयान नहीं आया। मान जा रहा है कि इसके पीछे शुक्रवार शाम को लालू यादव की मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार के नजदीकी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात है। इसमें लालू यादव ने जमकर जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ताओं पर अपनी भड़ास निकाली और माना कि उनकी पार्टी की तरफ से भी बेवजह बयान दिए जाते हैं।

जद-यू को नीतीश की आलोचना स्वीकार नहीं
हालांकि जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का कहना है कि सरकार के कामकाज पर सवाल उठाना और सुझाव देना अच्छी बात है। लेकिन नीतीश कुमार, जो महागठबंधन के प्रमुख नेता हैं और दिन-रात एक कर राज्य चलने के अपने दायित्व को पूरा कर रहे हैं, उनकी विपक्षी दलों की तरह अगर राष्ट्रीय जनता दल के नेता आलोचना वह भी सार्वजनिक रूप से करेंगे तो चुप रहना उनके लिए मुश्किल हो जाता है।

एक पखवाड़े में पहले जनता दल महासचिव केसी त्यागी के एक बयान कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मटेरियल हैं, पर पहले राष्ट्रीय जनता दल ने खुलकर विरोध में बयान दिया। इसके बाद पिछले शनिवार को बिहार के दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने यहां तक कह डाला कि नीतीश कुमार अपने काम में चूक रहे हैं जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी ने जमकर महागठबंधन पर निशाना साधा था।

 

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