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वेश्यावृत्ति को मिले कानूनी मान्यता : पूर्व न्यायाधीश


नई दिल्ली : खेलों में सट्टेबाजी और जुए की इजाजत देने की विधि आयोग की सिफारिश का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एन संतोष हेगड़े ने वेश्यावृत्ति को भी कानूनी रूप देने की मांग की। उन्‍होंने कहा कि सरकार बुराइयों को खत्म नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी कहा कि वेश्यावृत्ति में शामिल लोगों को लाइसेंस दिया जाना चाहिए।

पूर्व सॉलिसीटर जनरल हेगड़े ने कहा, यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि कानून बुराइयों को खत्म कर सकता है तो यह खुशफहमी में रहने जैसा है। यह एक बहुत अच्छी सिफारिश है, कुछ खास तरह की बुराइयां हैं, जिन्हें कानून नियंत्रित नहीं कर सकता और इस तरह की बुराइयों को नियंत्रित करने की कोई कोशिश अवैध प्रणाली बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहा, हम पहले भी यह अनुभव कर चुके हैं, जब शराबबंदी थी, जहां शराबबंदी थी, वहां शराब का अवैध उत्पादन किया जाता था। सरकार को आबकारी शुल्क का नुकसान होता था, लेकिन बुराई जारी रही। आप इसे नियंत्रित नहीं कर सकते। कुछ खास चीजें हैं, जिन्हें कानून नियंत्रित नहीं कर सकता।

हेगड़े ने कहा कि वेश्यावृत्ति अब एक नियमित पेशा बन गया है। इसे कानूनी रूप देना चाहिए और इसमें शामिल लोगों को लाइसेंस प्रदान करना चाहिए, तभी जाकर इस पर नियंत्रण स्थापित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ये कुछ ऐसी बुराइयां हैं, जिन्हें सरकार खत्म नहीं कर सकती है, इन्हें कानूनी रूप नहीं दिए जाने पर ये अवैध तरीके से चलती रहेंगी, बेहतर होगा कि इस पर नियंत्रण रखा जाए। उन्होंने पूछा, ऐसा कौन सा शहर या राज्य है जहां वेश्वयावृत्ति नहीं है? हम अपनी आंखें बंद किए हुए हैं और कह रहे हैं कि यह नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नैतिकता को कानून द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।

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