ज्ञान भंडार

व्यक्ति के उंगलियों के बीच की दूरी खोलती हैं कई राज, आप भी जानिए

क्या आप जानते हैं कि हाथों की उँगलियों की मदद से भी किसी व्यक्ति के बारे में जाना जा सकता हैं और हाथों की रेखाओं को देखने की भी जरूरत नहीं पड़ती हैं। जी हां, हस्‍तरेखा में उंगलियों के बीच की दूरी से ही किसी का भी व्‍यवहार जाना जा सकता है। तो आइये जानते हैं कैसे किसी के बारे में लगाए इससे पता।

अगर 45 डिग्री का हो गैप तो

किसी भी व्‍यक्ति की तर्जनी और अंगूठे के मध्‍य की दूरी 45 डिग्री का कोण बना रही हो यानी कि गैप हो तो ऐसे व्‍यक्ति अपनी समस्‍याओं को बखूबी मैनेज करते हैं। ऐसे व्‍यक्ति अपनी बातों को सोच-समझकर यदि जरूरी हो तो ही किसी के साथ शेयर करते हैं। इसके अलावा परिस्थितियों की खामियां और खूबियों को जांचने और परखने के बाद उसे प्रैक्टिकली हैंडल करते हैं।

90 डिग्री का हो गैप तो

अगर किसी भी व्‍यक्ति की तर्जनी और अंगूठे के मध्‍य 90 डिग्री का कोण यानी कि गैप बनता हो तो ऐसे व्‍यक्ति कुछ ज्‍यादा ही सीधे-सादे स्‍वभाव के होते हैं। इसके अलावा ये किसी भी बात को कभी भी घुमा-फिराकर नहीं कहते। सीधी-सपाट बात करते हैं। यही वजह है कि इस प्रवृत्ति के लोगों का अक्‍सर ही दूसरे फायदा उठा लेते हैं।

मध्‍यमा-अनामिका के बीच हो स्‍पेस

अगर मध्‍यमा-अनामिका के बीच सामान्‍य से अधिक का गैप हो यानी कि स्‍पेस तो ऐसे व्‍यक्ति काफी शर्मीले स्‍वभाव के होते हैं। इसके अलावा यह अपनी लाइफ में किसी भी बड़ी जिम्‍मेदारी को उठाने से बचते हैं। फिर चाहे बात पारिवारिक जिम्‍मेदारियों की हो या फिर किसी और रिश्‍ते की हो। इनकी कोशिश होती है कि किसी भी तरह से इन्‍हें कोई जिम्‍मेदारी न सौंपी जाए। इसके अलावा ये भविष्‍य की चिंता किए बिना वर्तमान में जीते हैं।

मध्‍यमा-तर्जनी के मध्‍य का स्‍पेस

अगर मध्‍यमा और तर्जनी के मध्‍य काफी कम स्‍पेस हो तो यह ऐसे व्‍यक्ति कभी भी खुद की सोच से कोई भी काम नहीं कर पाते। यह हर बात में दूसरों पर निर्भर रहते हैं। जैसी इन्‍हें सलाह मिलती है, ये वैसा ही कार्य करते हैं। इनके लिए खुद से कोई फैसला लेना काफी मुश्किल साबित होता है। इसके अलावा ये अंर्तमुखी स्‍वभाव के भी होते हैं।

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