उत्तराखंडराज्य

संगम में स्नान के बाद जोशीमठ रवाना हुई जगदीशिला डोली

कुंभनगरी देवप्रयाग में गंगा स्नान व रघुनाथ मन्दिर में पूजन अर्चना के साथ बाबा विश्वनाथ माँ जगदीशिला डोली यात्रा जोशीमठ के लिए रवाना हो गई। यात्रा के दर्शन के लिये क्षेत्रीय श्रद्घालुओं के साथ भारत के कई राज्यों से आए तीर्थयात्रियों ने भी दर्शन कर आशीर्वाद लिया। वहीं नासिक से पहुंचे श्रदालुओं ने डोली यात्रा को उनके यहां लाने का निमंत्रण दिया।

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संगम में स्नान के बाद जोशीमठ रवाना हुई जगदीशिला डोलीबुधवार को सुबह गंगा मैया के जयकारे के साथ डोली निशानों ने संगम पर स्नान किया। यात्रा संयोजक पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी की अगुवाई में रघुनाथ मन्दिर पहुची। जहां विश्व शांति के लिये प्रथना की गई।

पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि मानी जाती है लेकिन यहां तीर्थाटन नीति न होने के कारण कई पौराणिक स्थल उपेक्षित है। उनका संकल्प देवभूमि में 1000 धाम स्थापित करने का है। उन्होंने कहा कि देशभर में उत्तराखंड की देव संस्क्रति का प्रचार प्रसार करना ही डोली यात्रा का मकसद है।

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उन्होंने कहा कि तीर्थाटन नीति बनने के बाद ही हम उत्तराखंड की पौराणिक परम्पराओं और संस्कृति को जोड़कर देश भर के लोगों का ध्यान देवभूमि की ओर आकर्षित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डोली यात्रा के दौरान 13 जिलों में लोगों द्वारा रखी गई जनसमस्यों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। इस मौके पर यात्रा समिति अध्यक्ष रूप सिंह बजियाल, गणेश महाराज, आनन्द सिंह, वीरेंद्र नेगी, मनोज राणा, गगन सिंह सहित लोक वादक हरीश भारती, बिन्द्री दास, गणेश भारती शामिल रहे।

 
 

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