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सांसद आदर्श ग्रामों पर 50-50 मोड में आए हरीश रावत

harish-rawat-560f91995ad4e_exlमुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि सांसदों ने आदर्श ग्राम चुन तो लिए लेकिन वहां के विकास में उनका योगदान न्यून है। इन गांवों में सारा विकास कार्य राज्य सरकार ने कराया है, लेकिन अब फिफ्टी-फिफ्टी चलेगा।

आधा पैसा राज्य सरकार देगी और आधा पैसा सांसदों को अपनी निधि से देना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए बताया कि एक सांसद ने अभी डेढ़ हफ्ता पहले ही गांव का चयन किया है।

अन्य राज्यों से बेहतर
मुख्यमंत्री के अनुसार, सांसद आदर्श ग्राम योजना के मामले में उत्तराखंड की स्थिति हरियाणा, पंजाब से भी बेहतर है। उत्तराखंड की प्रगति 35 प्रतिशत है, जबकि कुछ राज्य में पांच फीसदी और किसी में शून्य है। केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी उत्तराखंड की पीठ थपथपाई है।

अब तक नौ करोड़ हुए खर्च
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए 28 करोड़ रुपये राशि का प्रावधान किया है। इसमें से 15 करोड़ रुपये अवमुक्त किए जा चुके हैं, जबकि नौ करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। चयनित गांवों में राज्य सरकार द्वारा ही व्यय किया गया है।

सांसद निधि से बहुत कम पैसा दिया गया। भविष्य में सांसदों के साथ 50:50 के अनुपात में भागीदारी से ही इन गांवों में काम किया जाएगा। प्रकोष्ठ का गठन करके हर तीसरे माह राज्य स्तर पर इन गांवों में विकास कार्य की समीक्षा की व्यवस्था की जाएगी।

 
 
 

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