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साइना, सिंधु रियो ओलिंपिक्स में जीत सकती हैं पदक : मथायस बो

saina-sindhu-650_650x488_51432472083लंदन ओलिंपिक्स के रजत पदक विजेता डेनमार्क के मथायस बो मानते हैं कि बैडमिंटन सर्किट में जिस तरह चीन के खिलाड़ियों को संघर्ष करना पड़ रहा है उससे सायना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसे खिलाड़ियों के रियो में पदक जीतने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

मथायस मानते हैं कि खासकर महिला बैडमिंटन में चीन का दबदबा पहले से कम हुआ है और लगातार घटता ही नजर आ रहा है। बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप के मेन्स डबल्स में लगातार दो साल पदक जीतने वाले बो मानते हैं कि चीन के खिलाड़ी अब पहले जैसे बेहतर नहीं नजर आते। 35 साल के डेनिश खिलाड़ी बो कहते हैं कि रियो के बाद तस्वीर और साफ हो सकेगी।

चीनी खिलाड़ियों ने लंदन ओलिंपिक्स में बैडमिंटन के जरिये सभी 5 स्वर्ण पदक जीते थे। बो का कहना है कि अगर चीनी खिलाड़ी रियो में भी ऐसा कर पाते हैं तो उन्हें अपनी बात वापस लेनी पड़ेगी, लेकिन उनके मुताबिक फिलहाल चीनी खिलाड़ी ऐसा करते नहीं नज़र आते।

बो इन दिनों प्रीमियर बैडमिंटन लीग में मुंबई रॉकेट्स टीम का हिस्सा बनकर टूर्नामेंट में अपने जौहर दिखा रहे हैं। इस टूर्नामेंट का फाइनल 17 जनवरी दिल्ली में खेला जाएगा। बो बैडमिंटन रैंकिंग की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि पहले महिला सिंगल्स में टॉप पांच खिलाड़ियों में चार स्थानों पर चीन का दबदबा रहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

मौजूदा रैंकिंग में स्पेन की कैरोलिना मारिन पहले नंबर पर हैं, जबकि भारत की साइना नेहवाल दूसरे नंबर पर हैं। तीसरे और चौथे नंबर पर जरूर चीन की ली ज़ुएरेई (ओलिंपिक चैंपियन), यिहान वैंग (लंदन ओलिंपिक्स की रजत पदक विजेता) हैं। पांचवें नंबर पर थाईलैंड की रैटचेनॉक इंटेनॉन ने जगह बनाई हुई है। पहले दस खिलाड़ियों में सिर्फ तीन चीनी खिलाड़ियों को जगह मिली है, जबकि पांच साल पहले हालात बिल्कुल अलग होते थे। अक्सर दस में से पांच चीनी खिलाड़ी टॉप टेन खिलाड़ियों में शामिल रहते थे।

अनुभवी डेनिश खिलाड़ी बो मानते हैं कि इन हालात में साइना नेहवाल और पीवी सिंधु के रियो में पदक जीतने की उम्मीद बहुत ज़्यादा है।

 

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