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साधुओं की हत्या मामले में पालघर पहुंची CRPF, इलाका किया गया सील

मुंबई: साधुओं की हत्या के 9 दिन बाद पालघर के गढ़चिंचले गांव में CRPF की तैनाती की गई सीआरपीएफ (CRPF) की तैनाती कर दी गई है. यहीं पर उग्र भीड़ ने दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जानकारी के मुताबिक इलाके में बनी नाजुक स्थिति को देखते हुए यहां सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी गई है.

इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है. गांव आने-जाने वाले मार्गों को सील कर दिया गया है. सीआईडी (CID) की टीम मामले में अब तक तकरीबन 50 लोंगों से पूछताछ कर चुकी है. बताया जा रहा है कि घटना के बाद से गांव के अधिकांश लोग गांव छोड़कर चले गए हैं.

महाराष्‍ट्र में पालघर के जिस गांव गढ़चिंचले गांव में इन साधुओं की मॉब लिंचिंग की गई, वहां की सरपंच ने आंखों देखी घटना बताई. 

चित्रा ने 16 अप्रैल की घटना के बारे में बताया है कि उन्हें रात साढ़े 8 बजे के करीब पता चला कि चेकपोस्ट पर एक गाड़ी रोकी गई है.

अगले 15 मिनट में वो अपने घर से निकल कर चेकपोस्ट पर पहुंचीं. चेकपोस्ट पर उन्होंने गाड़ी को देखा और उस गाड़ी के अंदर बैठे साधुओं को देखा. गाड़ी के अंदर से ही साधुओं ने उनको नमस्कार किया. सरपंच चित्रा ने साधुओं से पूछा कि वो कौन हैं, उन्हें कहां जाना है. जब ये बातचीत हो रही थी, तभी भीड़ ने साधुओं की गाड़ी के टायर की हवा निकाल दी और गाड़ी पलट दी.

सरपंच चित्रा का दावा है कि पुलिस के आने तक वो लोगों को समझाने की लगातार कोशिश कर रही थीं. लोग उन पर नाराज भी हो रहे थे, लेकिन उन्होंने किसी तरह से दो-तीन घंटे तक भीड़ को कुछ हद तक काबू में रखा. रात को 11 बजे पुलिस मौके पर पहुंची, तो भीड़ से घिरे तीन लोगों में से दो को उसने पुलिस की गाड़ी में बैठा भी दिया था. लेकिन जब बुज़ुर्ग साधु पुलिसवाले का हाथ पकड़ कर Forest चौकी से बाहर निकले तो भीड़ लाठी-डंडे लेकर उन बुज़ुर्ग साधु पर टूट पड़ी.

चित्रा का दावा है कि लोगों को रोकने की कोशिश में उन्हें भी चोटें आईं और वो भी किसी तरह जान बचाकर अपने घर पहुंचीं. रात को करीब 12 बजे वो दोबारा चेकपोस्ट पर पहुंचीं, तो उन्होंने वहां पर दोनों साधुओं और उनके ड्राइवर की लाशें देखीं.

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