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हमले से नहीं डिगा हौसला, फिर से सजी कश्मीरी की दुकान

दक्षिणपंथी संगठन के युवकों के हमले का शिकार हुए कश्मीरी विक्रेता अपनी दुकान लगाने के लिए लखनऊ की सड़कों पर वापस आ गए हैं. जब इन कश्मीरियों ने अपनी दुकान लगाई तो खरीदारों की भी कोई कमी नहीं दिखाई दी. लोगों ने उनकी दुकान से सूखे मेवे खरीदे और उन्हें संबल दिया.

हालांकि, इस बार वे डालीगंज से अपनी जगह बदलकर लोहिया पथ पर दुकान खोल रहे हैं. बातचीत में कश्मीरी फल विक्रेता अब्दुल सलाम ने कहा, “मैं पिछले 10 वर्षों से लखनऊ में हूं लेकिन यह पहली बार है जब हमें इस तरह से निशाना बनाया गया. मैं पुलिस का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमलावरों को गिरफ्तार किया और हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की. कई सोशल वर्कर्स और संगठनों ने हमें इस सदमे से बाहर निकालने में मदद की है.”

एक अन्य कश्मीरी व्यापारी मोहम्मद अफजल ने कहा, ‘जिन लोगों ने हमारे साथ मार-पीट की, उन्होंने पहले हमसे आईडी मांगी और फिर हमें पत्थरबाज कहकर बुलाया. हम गरीब लोग हैं जो व्यापार के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य का सफर करते रहते हैं. हालांकि, इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस के सहयोग से हमें मजबूती मिली है.’

कश्मीरी दुकानदारों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद गुरुवार को लखनऊ पुलिस ने हमले के मुख्य आरोपी बजरंग सोनकर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में एकता का वातावरण बनाए रखना बहुत अहम है. उन्होंने कहा था, ‘‘लखनऊ में कुछ सिरफिरे लोगों ने हमारे कश्मीरी भाइयों के साथ जो हरकत की थी, उस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है. मैं अन्य राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि जहां भी कोई ऐसी हरकत करने की कोशिश करे तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाए.’

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही कश्मीरियों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं. पुलवामा हमले का आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार नाम का कश्मीरी युवक था जिसे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ट्रेनिंग दी थी.

बुधवार की शाम को लखनऊ के डालीगंज पुल पर सड़क किनारे सूखे मेवे बेचने वाले दो कश्मीरी युवकों को भगवा कपड़े पहने कुछ युवकों ने पीट दिया था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनेताओं से लेकर आम लोगों ने इस घटना की आलोचना की थी और कश्मीरियों को अपना समर्थन दिया था.

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