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हरियाणा के गुरुकुल में छात्रों से यौन शोषण, साल भर से हो रहे जुल्‍म का खुलासा


चंडीगढ़ : हरियाणा के गुरुकुल में छात्रों के यौन शोषण का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इससे हड़कंप मच गया है। 12वीं व 10वीं के छात्र छठी और सातवीं कक्षा के छात्रों से कुकर्म कर रहे थे। बच्‍चों के विरोध करने पर वे उन्‍हें मारते-पीटते थे और धमकी देकर डराते थे। बच्‍चाें पर यह जुल्‍म एक साल से हो रहा था। मामले का पता चला रविवार को रक्षाबंधन के मौके पर परिजन के बच्‍चों से मिलने पहुंचने पर हुआ। परिजन मिलकर वापस लौटने लगे तो बच्चे रोने लगे। परिजनों ने पूछा तो बच्चों ने रो-रोकर आपबीती सुनाई। इसके बाद परिजन सदर थाने में पहुंचे और स्कूल प्रबंधन व आरोपित बच्चों के खिलाफ केस दर्ज कराया। पीड़ित बच्‍चों का मेडिकल टेस्‍ट कराया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इसके बाद आरोपित सीनयिर छात्रों और गुरुकुल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस के समक्ष अपने बच्चे को लेकर शिकायत देने पहुंचीं सोनीपत की महिला ने बताया कि बच्चे गुरुकुल में ही रहते हैं। रविवार को रक्षाबंधन होने पर वह गुरुकुल में अपने बच्चे से मिलने के लिए पहुंची थी। बच्चे से मुलाकात करने के बाद जैसे ही वह बाहर निकलने लगीं तो बच्चा रोने लगा। उन्होंने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने पहले तो नहीं बताया। जब यह पूछा कि क्या बड़े बच्चे परेशान करते हैं तो बच्चे ने सारी आपबीती सुनाई। उन्‍होंने बताया कि वह तुरंत ही प्रबंधन के पास पहुंची। आरोप है कि संस्थान प्रबंधन मामले को दबाने में जुट गया। परिजनों का आरोप है कि जब इस प्रकरण में शिकायत संस्थान के प्राचार्य से की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद दूसरे बच्चों ने भी पूछने पर अपने परिजनों को आपबीती सुनाई। इसके बाद संस्थान से करीब छह बच्चों को लेकर उनके परिजन सदर थाना में पहुंचे और पुलिस को शिकायत दी। अारोप है कि गुरुकुल में यह मामला एक साल से दबाया जा रहा था।

परिजनों का आरोप है कि बच्चों के साथ यह सब एक साल से हो रहा था। इस संबंध में बच्चों ने गुरुकुल में शिकायत भी की थी, लेकिन शिकायत करने पर उल्टा उन्हें धमकाया व पीटा गया। इससे बच्चे सहम गए और परिजनों को भी नहीं बताया। दूसरी ओर, प्रबंधन ने ऐसे आरोपों से साफ मना किया है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि बच्चों को रात में ही उठाकर आरोपित सीनियर विद्यार्थी बाथरूम में ले जाते थे और उनके साथ गंदा काम करते थे। गुरुकुल में अधिकतर बच्चे आसपास के दूसरे जिलों के हैं। परिजनों के मुताबिक अभी तक सामने आए करीब छह पीड़ित बच्चों का दाखिला पांचवीं कक्षा से कराया गया था। इसके लिए वह प्रति वर्ष करीब 85 हजार रुपये शुल्क देते हैं। इसके बाद भी हॉस्टल में न तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही काउंसलर नियुक्त किए गए हैं, जिसके पास जाकर बच्चे अपनी समस्या कह सकते। इसके अलावा हॉस्टल में कोई सुरक्षाकर्मी भी तैनात नहीं है।शिकायत के बाद ही गुरुकुल प्रबंधन के कान खड़े हो गए हैं। प्रिंसिपल ने जल्द ही सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रस्ताव दिए जाने की बात कही है।

पूरे मामले पर प्राचार्य का कहना कि बच्चों ने छेड़खानी की शिकायत की थी। वार्डन ने इंक्वायरी भी की। आरोपित बच्चों के माता-पिता को मामले की जानकारी देने के लिए बुलाया था। हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। वार्डन वहीं पर रहते हैं। हम जांच में सहयोग करेंगे। अगर किसी के साथ गलत हुआ है तो उसे न्याय मिलना चाहिए। थाना प्रभारी, सदर, रोहतक एसआइ मंजीत ने बताया कि बच्चों के बयान दर्ज किए हैं। उसी के आधार पर एफआइआर दर्ज की है। अभी बच्चों का मेडिकल कराया जा रहा है। इसके बाद मामले की जांच की जाएगी। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। वहीँ बाल कल्याण समिति, रोहतक के चेयरमैन राजसिंह सांगवान ने कहा कि पीड़ित बच्चों की एक्सपर्ट काउंसलर से काउंसलिंग कराई जाएगी। इसके साथ ही संस्थान को भी नोटिस दिया जाएगा। यह भी हो सकता है कि और भी घटनाएं हो सकती हैं। सभी बोर्डिंग स्कूलों की विजिट की जाएगी। पीड़ित बच्चों को केस लडऩे के लिए फ्री में वकील भी दिलाएंगे।

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