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100 साल पहले भी ऐसे ही आई थी केरल में भीषण बाढ़, तब गांधी जी ने कितनी की थी मदद?

आज से करीब 100 साल पहले भी केरल, भीषण बाढ़ और तबाही का गवाह बना था. उस वक्त भी केरल में राहत कार्यों के लिए काफी मदद की गई थी. उस दौरान महात्मा गांधी ने केरल के लोगों के दुख को अकल्पनीय बताते हुए मदद के लिए 6000 रुपये जुटाए थे. वहीं अब केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावितों के लिए 600 करोड़ देने की पहल की है.

साल 1924 में आई केरल में बाढ़ में कई जिंदगियां खत्म हो गई थीं और ये बाढ़ व्यापक विनाश का कारण बनी थी. उस दौरान गांधी ने अपने पब्लिकेशन ‘यंग इंडिया’ और ‘नवजीवन’ के माध्यम से लोगों को बाढ़ में मदद करने के लिए आग्रह किया था. बता दें कि उस दौरान केरल को मालाबार कहा जाता था.

गांधी के इस आग्रह के बाद लोगों ने काफी मदद की. कई महिलाओं ने सोने की ज्वैलरी और अपनी बचत को बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए दान कर दिया था.

वहीं कई लोगों ने एक वक्त का खाना छोड़ा और राहत कोष में दूध और खाना दिया. गांधी ने नवजीवन में लिखे आर्टिकल में एक लड़की के बारे में बताया है, जिसने राहत कोष में पैसे देने के लिए 3 पैसे चोरी किए थे. उन्होंने अपने कई लेखों में मालाबार के दुख को प्रकट किया था.

गांधी ने लिखा था, ‘उस दौरान राहत कोष के लिए कई फंड शुरू किए गए ताकि लोग अपनी इच्छा के अनुसार योगदान दे सके.’

बता दें कि जुलाई 1924 में ऐसी बाढ़ आई थी और इससे मुन्नार, त्रिशूर, कोचिकोड, एर्नाकुलम, अलुवा, कुमाराकोम, तिरुवनंतपुरम आदि क्षेत्र प्रभावित हुए थे.

गौरतलब है कि केरल में आठ अगस्त से भयंकर वर्षा और बाढ़ की चपेट में आए राज्य में 350 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.

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