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20 दिन पहले ही घर में आई थी खुशी, बेटी का चेहरा देखे बिना देश के लिए शहीद हुए बिहार के कुंदन

पटना : बिहार के भोजपुर का एक वीर सपूत देश की रक्षा करते चीन के साथ हुई झड़प में शहीद हो गया। शहीद जवान मूल रूप से जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के पहरपुर गांव के रहने वाले रविशंकर ओझा के 28 वर्षीय पुत्र कुंदन ओझा थे। उनका परिवार करीब 30 साल से झारखंड राज्य के साहेबगज में रह रहा है। वहीं मंगलवार की शाम बेटे की शहादत की खबर मिलते ही गांव का माहौल गमगीन हो उठा। वहीं कुंदन के पैतृक घर में भी कोहराम मच गया। कुंदन अपने पहले बच्चे को देखने से पहले ही शहीद हो गए।

26 वर्षीय शहीद जवान कुंदन कुमार ओझा के पिता रविशंकर ओझा किसान हैं। वे 2011 बिहार रेजिमेंट कटिहार में भर्ती हुए थे। जानकारी के अनुसार किसान रविशंकर ओझा के पुत्र कुंदन ओझा की करीब 10 साल पहले नौकरी लगी थी। महज 2 साल पहले उनकी शादी हुई थी और इस झड़प से 20 दिन पहले ही कुंदन के घर बच्ची हुई थी। घर में पहली बेटी होने को लेकर काफी खुशी थी। जानकारी के अनुसार कुंदन ओझा तीन भाइयों में मांझिल थे। इनमें कमाने वाले सिर्फ कुंदन ही थे। उनके चाचा धर्मनाथ ओझा आरा में वकील हैं।

ग्रामीण प्रवीण रंजन ओझा उर्फ पिंटू ओझा बताते हैं इनके परिवार के लोग तीस वर्ष पहले से ही झारखंड राज्य के साहेबगंज जिले के बिहारी ग्राम में रहते है। कुंदन व उनके परिवार के लोग शादी-विवाह सहित अन्य फंक्शन में गांव आते रहते हैं। परिजनों ने बताया कि शहीद जवान के ससुर दिल्ली में नौकरी करते हैं। उनकी सास घर पर रह रही हैं। दामाद के शहीद होने की सूचना मिलते ही ससुराल में कोहराम मच गया। परिवार के चाचा विवेक कुमार दूबे ने बताया कि नेहा की तीन बहनें हैं। बड़ी बहन निधि और छोटी निशा है। दो भाई हेमंत और लक्की है। घर पर जवान की सास पुतुल देवी एवं दादा सुरेन्द्र दूबे व दादी मनोरमा देवी हैं। शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने पर सभी सदस्य डिहारी जाएंगे। पड़ोसी ने बताया कि एक वर्ष पहले वे ससुराल आए थे। काफी मिलनसार प्रवृत्ति के थे।

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