अन्तर्राष्ट्रीय

इंडोनेशिया में भूस्खलन के बाद मिट्टी में दबे घर, 33 की मौत

किन्शासा : पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लेकर कजाखस्तान व रूस (Russia) तक जारी बारिश-बाढ़ के चलते लाखों को जहां सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी, वहीं कई जगह भूस्खलन भी हुआ। इसमें कुल 33 लोगों (33 people) की मौत हुई है। दक्षिण-पश्चिम कांगो में 15 लोग मारे गए व 60 लापता हैं। वहीं, इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर भूस्खलन के बाद बचाव दल ने 18 शव निकाले हैं। दो अब भी लापता हैं।

कांगो के इडियोफा शहर के निकट बंदरगाह से कुछ दूरी पर भूस्खलन के बाद सात लोग जीवित मिले हैं। यहां बंदरगाह से आगे एक पहाड़ी की मिट्टी बारिश के कारण खिसकने से हालात बिगड़ गए। लापताओं की सटीक संख्या अफसरों के लिए फिलहाल बता पाना मुश्किल है, क्योंकि यहां लगने वाले बाजार में कई लोग बाहर से भी आए थे। उधर, इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर हुए भूस्खलन में 18 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। बचावकर्मियों ने मकाले गांव से 14 शवों को मलबे से निकाला, जबकि दक्षिण मकाले में चार शव मलबे से बाहर निकाले गए।

पिछले दो सप्ताह से तंजानिया में बाढ़ से 58 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि पूर्वी अफ्रीकी देश में भारी बारिश जारी है। तटीय क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हए हैं, जहां 1,26,831 लोग प्रभावित। पड़ोसी केन्या में बाढ़ से अब तक कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है। दोनों देशों में बुनियादी ढांचे को क्षति पहुंची है।

रूस की क्षेत्रीय सरकार ने सोमवार को कहा कि बाढ़ के कारण रूस के कुर्गन क्षेत्र में लगभग 13,000 लोगों को बाहर निकाला गया है। ये लोग हाल में आई भीषण बाढ़ के चलते क्षेत्र में फंसकर रह गए थे। उधर, कजाखस्तान में बाढ़ के चलते 1.08 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। यहां करीब 5,000 घर अब भी बाढ़ में डूबे हुए हैं।

लोगों के घरों पर गिरी मिट्टी
इंडोनेशिया में पहाड़ों की मिट्टी खिसककर घरों पर आ गिरने से बड़ा नुकसान हुआ। यहां पूरी पहाड़ी नीचे घरों पर गिर गई और अधिकांश लोग दब गए।

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