अजब-गजब

8वीं फेल ये लड़का 23 की उम्र में कैसे बना करोड़पति

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट

किसी ने सच ही कहा है पूत के पांव पालने में ही नज़र आ जाते हैं. बच्चे बड़े होकर क्या कुछ अलग करने वाले हैं या नहीं इसकी पहचान छोटी उम्र से ही हो जाती है. कुछ बच्चे बहुत स्पेशल होते हैं पढ़ाई में कमज़ोर होने के बावजूद वो कुछ ऐसा कर जाते हैं कि सबके लिए मिसाल बन जाते हैं. ऐसे ही एक लड़का है त्रिशनीत अरोड़ा जो 23 साल की उम्र में करोड़पति बन चुका है.8वीं फेल ये लड़का 23 की उम्र में कैसे बना करोड़पति

9 साल की उम्र में ही त्रिशनीत ने अपनी साइबर सिक्योरिटी कंपनी की स्थापना की थी और आज उसकी कंपनी के 5 दफ्तर हैं जिनमें से एक दुबई में भी है. कम्प्यूटर्स त्रिशनीत का पैशन है और उसने अपने इस पैशन को कामयाबी से पेशे में बदला.

त्रिशनीत अरोड़ा की सक्सेस स्टोरी हर किसी के लिए प्रेरणा की एक अनोखी मिसाल बन सकती है. उसकी कहानी बताती है कि कोई भी शख्स अपने पैशन को फॉलोकर कामयाबी की सीढ़ियों तक पहुंच सकता है. ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (@humansofbombay) नाम के एक फेसबुक पेज ने त्रिशनीत की सक्सेस स्टोरी साझा की है. त्रिशनीत एक स्कूल ड्रॉपआउट है और उसने 8वीं तक ही पढ़ाई की थी. कम्प्यूटर्स त्रिशनीत का पैशन है और उसने अपने इस पैशन को कामयाबी से पेशे में बदला.

8वीं फेल त्रिशनीत आज लाखों की कंपनी का मालिक है. त्रिशनीत एक प्रोफेशनल हैकर है. उसने 19 साल की उम्र में ही अपनी साइबर सिक्योरिटी कंपनी TAC Security Solutions की स्थापना कर ली थी. उसकी कंपनी के 5 दफ्तर हैं जिनमें से 4 भारत में और एक दुबई में स्थित है, लेकिन त्रिशनीत की सक्सेस सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है.

वह साइबर सिक्योरिटी सब्जेक्ट पर सीबीआई अफसरों को भी ट्रेनिंग दे चुका है. इसके अलावा वह पंजाब सरकार और क्राइम ब्रांच का एडवाइजर भी रह चुका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस जैसी मशहूर कंपनी भी त्रिशनीत के क्लाइंट्स में शुमार है. गैजेट्स से त्रिशनीत का लगाव काफी पुराना है. बचपन में वह अपने खिलौने और गैजेट्स, सिर्फ यह देखने के लिए खोल लिया करता था कि वे काम कैसे करते हैं. इसके बाद उसे को कम्प्यूटर गेम्स का शौक चढ़ा.

त्रिशनीत की गेमिंग की आदत ने उसके पिता को काफी चिंतित कर दिया था. इसे रोकने के लिए उन्होंने कम्प्यूटर में पासवर्ड भी लगा दिया लेकिन त्रिशनीत ने उसका तोड़ भी निकाल लिया था. लेकिन त्रिशनीत के इस कारनामे से उसके पिता गुस्सा नहीं हुए. वह इससे काफी इम्प्रेस हुए और उसके लिए एक नया सिस्टम लेकर आए.

त्रिशनीत के माता-पिता ने उसे स्कूल छोड़ने की इजाजत दे दी थी लेकिन उसने सीखना हमेशा जारी रखा. स्कूल में फेल होने पर उसके माता-पिता ने उस पर कभी गुस्सा नहीं किया और न ही कभी उस पर एक्सट्रा ट्यूशन लेने का दबाव बनाया. स्कूल छोड़ने के बाद त्रिशनीत के सीखने की क्षमता कई गुणा बढ़ गई. उसने कम्प्यूटर ठीक करने और सॉफ्टवेयर क्लीनअप करने जैसे छोटे प्रॉजेक्ट्स से शुरुआत की. आज त्रिशनीत का सपना अपनी कंपनी को एक बिलियन डॉलर साइबर सिक्योरिटी कंपनी में बदलने का है.

इस लड़के की कहानी हर किसी के लिए एक मिसाल हैं, जो लोग ये समझते हैं कि सफल होने के लिए सिर्फ स्कूली पढ़ाई ही काफी है तो उन्हें त्रिशनीत से एक बार ज़रूर मिल लेना चाहिए.

 

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