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90 % भारतीयों ने कहा- तरक्की के लिए महिलाओं की उच्च शिक्षा बेहद जरूरी

न्यूयॉर्क: भारत में 90 फीसदी लोगों ने माना है कि देश की तरक्की के लिए महिलाओं की उच्च शिक्षा जरूरी है, जबकि दुनिया में 95 फीसदी लोग ऐसा मानते हैं। 59 फीसदी भारतीयों ने यह भी माना कि महिलाओं को अपनी पढ़ाई, नौकरी और शादी के फैसले खुद करने का अधिकार भी है। जबकि दुनिया में ऐसे लोग 70 फीसदी हैं। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की जेंडर इक्वलिटी एटीट्यूड्स स्टडी में सामने आई है।

यह स्टडी इस बात का अध्ययन करती है कि सामाजिक विश्वास कैसे राजनीति, कार्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लैंगिक समानता को बाधित करता है। इसमें 75 देशों से डाटा इकट्ठा किया गया है और यह दुनिया की 80 फीसदी से अधिक आबादी को कवर करता है। 

दुनिया की 60 फीसदी महिलाओं ने माना कि उन्हें अपनी पसंद से पढ़ाई, नौकरी और शादी की छूट है। 10 में से 6 भारतीय पुरुष भी ऐसा मानते हैं। दुनिया के 70 फीसदी पुरुषों ने भी माना कि महिलाओं को फैसले लेने की आजादी है।

वहीं, इस स्टडी में 70 फीसदी लोगों ने कहा है कि महिलाओं का उनके जीवन पर नियंत्रण है। दूसरी तरफ, 20 फीसदी महिलाएं ऐसी भी रहीं, जिन्होंने माना कि जीवनसाथी द्वारा पिटाई किया जाना उचित है। 

इस अध्ययन से यह बात सामने निकलकर आई है कि लैंगिक असमानता को कम करने के लिए दशकों की प्रगति के बाद भी 90 फीसदी पुरुष और महिलाएं महिलाओं के खिलाफ पक्षपाती हैं। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि कैसे महिलाओं को कुछ प्राप्त करने के लिए इन अदृश्य बाधाओं का सामना करना पड़ता है। 

अध्ययन के अनुसार, दुनिया के लगभग आधे पुरुष और महिलाएं महसूस करती हैं कि पुरुष बेहतर राजनीतिक नेता बनाते हैं। 40 फीसदी से अधिक लोगों को लगता है कि पुरुष बेहतर व्यवसायिक अधिकारी बनाते हैं और यह कि पुरुषों के पास नौकरी के लिए अधिक अधिकार होते हैं जब नौकरियां कम होती हैं।

इस अध्ययन में इस बात की जानकारी दी गई है कि कैसे 30 देशों में पक्षपात का रवैया बदल रहा है। यह दर्शाता है कि कुछ देशों में सुधार की बयार देखी जा रही है। जबकि अन्य देशों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं।

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