पर्यटन
‘नर्क के दरवाजे’, क्या है इन 5 जगहों का रहस्य?
नई दिल्ली। कहते हैं, मौत के बाद इंसान अपने कर्मों के अनुसार स्वर्ग या नर्क जाता है। माना जाता हैं कि नर्क के रास्ते कंकालों से बनाए गए होते हैं और अंदर ज्वालामुखी होता है।
पर अगर हम कहें कि दुनिया में ऐसी कुछ जगहें हैं जो आपको नर्क तक ले जाती है तो? ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया के उन 5 जगहों के बारे में जिन्हें ‘नर्क का द्वार’ कहा जाता है।
पेरिस के सीन नदी से 200 मील दूर कब्रों का तहखाना है। लोग इस तहखाने को ‘नर्क का द्वार’ मानते हैं। दरअसल, 200 साल पहले ही इस तहखाने को खोजा गया था। लोगों को यहां 60 लाख से ज्यादा कंकाल मिले थे। माना जाता है कि किसी मुसीबत से बचने के लिए ये लोग इस तहखाने में छुपकर बैठे थे। लेकिन दम घुटने की वजह से वहीं उनकी मौत हो गई। तहखाने की खोज के बाद करीब 10 साल इन कंकालों को इकठ्ठा करने में लगे। आज कई टूरिस्ट्स इस जगह घूमने आते हैं पर किसी को भी अंदर जाने की परमिशन नहीं है। कहते हैं, जो भी इंसान इसके अंदर जाता है वो फिर कभी जिन्दा वापस नहीं आ पाता।
जापान के ब्लडी हेल पोंड से दूर ही रहना है बेहतर
जापान के शिनोकी जिगोकु को इंग्लिश में ‘ब्लडी हेल पोंड’ कहा जाता है। नागासाकी आइलैंड पर मौजूद 9 हॉट स्प्रिंग्स में से एक शिनोकी जिगोकु कई सालों से लोगों का ध्यान खींच रहा है। दरअसल, ये हॉट स्प्रिंग 1300 सालों से 172.4 डिग्री पर खौल रहा है। बौद्ध धर्म के अनुसार, इस हॉट स्प्रिंग के नीचे नर्क बस्ता है। पुराने समय में शिनोकी जिगोकु का इस्तेमाल लोगों को डराने और उन्हें जिन्दा उबालने के लिए किया जाता था।
लगातार 45 सालों से जल रहा है ये ‘नर्क का द्वार’
तुर्कमेनिस्तान के काराकुम डेजर्ट के बीचो बीच मौजूद दरवाजा क्रेटर को कई नामों से जाना जाता है। जिसमें क्रेटर ऑफ फायर, गेट टू हेल और डोर टू हेल फेमस हैं। दरअसल, 1971 में इस जगह से मीथेन गैस का रिसाव होने लगा था। तब साइंटिस्ट्स ने यहां आग लगा दी थी। उन्हें लगा था कि कुछ दिनों बाद आग बुझ जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ये आग पिछले 45 सालों से लगातार जल रही है। गढ्ढ़े में से उठती आग की लपटों को देखकर सच में ये जगह नर्क का द्वार लगती है।
ये है ‘गेटवे टू हेल’
आइसलैंड के माउंट हेकला में सबसे ज्यादा एक्टिव वोल्केनोस पाए जाते हैं। यहां उड़ते बर्ड्स को ‘नर्क के द्वार’ के रखवाले के रूप में देखा जाता है। पुराने समय में यूरोप के कई बिशप्स और प्रिस्ट्स ने इस जगह पर आकर शैतान के होने का सबूत भी ढूंढा था। कभी भी फूट जाने वाले वोल्केनोस की वजह से ये जगह काफी खतरनाक मानी जाती है।
मौत के बाद लाइफ दिखाती है फेंग्डू घोस्ट सिटी
चीन के यांगत्जे नदी के साउथ में बसे चोंगकिंग सिटी में बना है फेंग्डू घोस्ट सिटी। चाइनीस माइथोलॉजी के मुताबिक मारने के बाद दूसरा जन्म लेने के लिए आत्मा को 3 टेस्ट से गुजरना पड़ता है। चाइनीस का ये मानना है कि मरने के बाद लोगों की आत्मा इस जगह जरूर आती हैं। कहा जाता है की ये घोस्ट सिटी करीब 2 हजार सालों तक पानी के अंदर छुपी हुई थी।