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पाकिस्तान का पत्ता साफ़, शान से होगी भारत की एंट्री

nawaz-sharif-modi-1एनएसजी ने एक ऐसा मसौदा तैयार किया है जिसने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी है। इस मसौदे में नये देशों की सदस्यता पर विचार किया गया है। इसमें भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल करने की बात कही गयी है और पाकिस्तान को इससे बाहर रखने पर सहमति बनी है।

अमेरिका स्थित हथियार नियंत्रण संबंधी संगठन आर्म्‍स कंट्रोल असोसिएशन (ACA) ने इस बात की जानकारी दी है। हालांकि संगठन ने चेताया है कि नए देशों को एनएसजी में शामिल करने के लिए नियमों में ढील देने से परमाणु अप्रसार को नुकसान पहुंचेगा।

पिछले हफ्ते अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया था कि एनएसजी के पूर्व चेयरमैन राफेल मैरियानो ने दो पन्‍नों का एक दस्‍तावेज तैयार किया है। इसमें स्‍पष्‍ट किया गया है कि किस तरह भारत और पाकिस्‍तान जैसे देश जिन्‍होंने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्‍ताक्षर नहीं किया है, वे एनएसजी में शामिल हो सकते हैं।

बताते चलें कि मिस्‍टर राफेल, एनएसजी के वर्तमान चेयरमैन सॉन्‍ग यंग वान की तरफ से काम कर रहे हैं और उनके इस दस्‍तावेज को कमोबेश आधिकारिक दर्जा हासिल है।

एनपीटी में पाकिस्‍तान के शामिल होने के मामले में भारत उसका रास्‍ता नहीं रोके, इसके लिए मिस्‍टर राफेल ने प्रस्‍ताव दिया था। इसमें कहा गया था कि एक गैर एनपीटी मेंबर देश को इस बात पर सहमत होना चाहिए कि वह ऐसे किसी दूसरे गैर एनपीटी मेंबर देश के रास्‍ते में रुकावट नहीं बनेगा।

आर्म्‍स कंट्रोल एसोसिएशन के एग्जिक्‍यूटिव डायरेक्‍टर डैरिल किम्‍बॉल ने चेताया कि मिस्‍टर राफेल ने जो फॉर्म्‍युला सुझाया है, उससे पाकिस्‍तान को अलग रखने के कई कारण मौजूद हैं।

उन्‍होंने कहा कि इन दस्‍तावेजों के मुताबिक, सदस्‍यता के लिए भारत की तरह पाकिस्‍तान को भी उन कसौटियों को पूरा करना होगा लेकिन एनएसजी सदस्‍य देशों के साथ सिविल न्‍यूक्लिअर ट्रेड की खातिर उसे अलग से एनएसजी की छूट हासिल करनी होगी। यह छूट व्‍यापक स्‍तर पर सुरक्षात्‍मक जरूरतों पर आधारित होगी।

एनएसजी में शामिल होने के लिए किसी देश को एनपीटी पर साइन करना होता है। भारत और पाकिस्‍तान के अलावा इजरायल ने अभी तक एनपीटी पर साइन नहीं किया है। इसी को लेकर कई देश एनएसजी में भारत की एंट्री का विरोध कर रहे हैं जिनमें चीन प्रमुख है। हालांकि, मिस्‍टर किम्‍बॉल ने कहा कि राफेल ने जो फॉर्म्‍युला सुझाया है, उसके आधार पर भारत यह दावा कर सकता है कि उसने सदस्‍यता की खातिर जरूरी सभी कदम उठा लिए हैं। इस वजह से भारत को एनएसजी में एंट्री मिल सकती है और पाकिस्‍तान इससे बाहर हो सकता है।

 

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