संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नॉर्थ कोरिया के 15 नागरिकों और 4 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
उत्तर कोरिया की ओर से बार-बार मिसाइल परीक्षण करने के आजिज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उसके 15 नागरिकों और चार कंपनियों को प्रतिबंधित सूची में शामिल कर लिया है. ट्रंप के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है, जब अमेरिका और चीन ऐसे प्रतिबंध संबंधी प्रस्ताव पर समहत हुए हैं. चीन को उत्तर कोरिया का अहम भागीदार माना जाता है, जिसने अब उसके खिलाफ वोट दिया है.
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प्रतिबंधित सूची में शामिल होने के बाद संबंधित व्यक्तियों की वैश्विक यात्रा पर पाबंदी होगी और संपत्तियां फ्रीज कर दी जाएंगी. यूएन सुरक्षा परिषद ने जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें उत्तर कोरिया की विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख का नाम भी शामिल है. ट्रंप प्रशासन प्योंगयांग पर दबाव बढ़ाने के मकसद से उत्तर कोरिया की तेल आपूर्ति को प्रतिबंध के माध्यम से निशाना बनाना चाह रहा था, लेकिन प्रतिबंध संबंधी प्रस्ताव में इसे शामिल नहीं किया जा सका.
सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों के जवाब में संयुक्त राष्ट्र की ओर से तैयार प्रतिबंध संबंधित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया. इस बाबत मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया को स्पष्ट संदेश भेज रहा है कि बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण बंद करो या फिर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहो.
सुरक्षा परिषद पहले ही उत्तर कोरिया पर छह चरण के प्रतिबंध लगा चुका है और प्योंगयांग की ओर से एक के बाद एक कई मिसाइलों का परीक्षण किए जाने के बाद
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अमेरिका और उसके साझदेार देशों ने सख्त प्रतिबंधों की पैरवी की. दूसरी ओर, चीन ने पिछले सप्ताह स्पष्ट कर दिया था कि उत्तर कोरिया के साथ बातचीत फिर से शुरू करना और तनाव कम करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.