यहाँ सोने के अस्तुरे से होती है हजामत, वजह जानकार अपने बाल नोचने लगेंगे आप…..
महाराष्ट्र के सांगली ज़िले मेन एक सैलून चर्चा का विषय बना हुआ है। वजह है कि वहाँ पर हजामत सोने के उस्तरे से की जाती है. सोने की उस्तरे से हजामत की वजह से दूकान पर लाइन लगी रहती है. हजामत करवाने के लिए लिस्ट मेन नाम लिखवाना पड़ता है. और दो दिन तीन दिन के बाद नंबर आता है.
सांगली ज़िला के रामचंद्र दत्तात्रेय काशिद अपने सैलून मेन सोने के उस्तरे से हजामत करते हैं. पहले यह भी आम उस्तरे से ही हजामत करते थे. लेकिन अपने माता पिता के शादी की 33वीं सालगिरह पर उन्होने सोने के उस्तरे से हजामत करना शुरू कर दिया है. इसकी वजह से लोग इनके सैलून का चर्चा कर रहे हैं. और हर दिन ग्राहक बढ़ते ही जा रहे हैं.
इस उस्तरे के बारे मेन रामचंद्र दत्तात्रेय काशिद बताते हैं कि इसे 18 कैरट के साढ़े दस तोले से तैयार किया गया है. इसे पुणे के एक कारीगर ने 20 दिन मेन बनाया है. और अब इसकी वजह से दूकान पर लाइन लगी रहती है. सोने के उस्तरे से हजामत करने के बारे में रामचंद्र दत्तात्रेय काशिद कहते हैं कि मैं दुनिया के सामने कुछ अलग करके दिखाना चाहता था.
इसी लिए मैंने इस तरह का काम किया. इसकी वजह से लोग मेरा और मेरे माता पिता का नाम लेते हैं तो मुझे अच्छा लगता है. हजामत अगर सोने के उस्तरे से हो तो ग्राहकों की भी बढ़ते हैं. ऐसा ही मामला इनके साथ हुआ है। हर दिन ग्राहक की बढ़ोतरी हो रही है.
ग्राहकों का कहना है कि हजामत चाहे जैसी हो लेकिन जब सोने के उस्तरे से हजामत हो रही है तो यह मेरे स्टेटस से जुड़ जाता है. इस लिए हम यहाँ पर हजामत करवाने आते हैं. राजा महाराजा के बारे में काफी सुना था कि वह सोने चांदी के बर्तन में खाना खाते हैं और पानी पीते हैं. लेकिन सोने के उस्तरे से हजामत करने का मामला पहली बार सामने आया है.