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सीबीएसई बोर्ड में पुनर्मूल्यांकन में 12वीं के 50 प्रतिशत छात्रों को मिले अधिक अंक,बदले टॉपर्स

आज नागपुर में इश्रिता गुप्ता कक्षा 12वीं में सीबीएसई बोर्ड की टॉपर हैं क्योंकि उन्होंने राजनीति विज्ञान में मिले अंकों को स्वीकार नहीं किया और पुर्नमूल्यांकन का विकल्प चुना था। छात्रा इश्रिता को अन्य सभी विषयों में 95 से अधिक अंक थे। निश्चित रूप से फिर से हुए पुर्नमूल्यांकन से पता चला है कि उनके 17 उत्तरों को गलत तरीके से जांचा गया था और अब उनका स्कोर 22 से बढ़ गया है। इस बार सीबीएसई बोर्ड के 12वीं के बच्चों ने जो पुर्नमूल्यांकन का रास्ता चुना और उन्हें अधिक अंक भी मिले हैं। सीबीएसई बोर्ड ने मूल्यांकन में गड़बड़ी के लिए 214 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। 

दिल्ली से रोहित मलिक (परिवर्तित नाम) ने भी पुर्नमूल्यांकन के बाद अपने अंकों में सुधार किया है क्योंकि उन्हें तीन सही उत्तरों पर स्कोर नहीं किया गया था। ये अलग-अलग मामले हैं जिनसे पता चलता है कि इस वर्ष सीबीएसई के मुल्यांकन में बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।

वास्तव में इस वर्ष पुनर्मूल्यांकन के लिए हर दूसरे आवेदक को अंक प्राप्त हुए हैं। सीबीएसई बोर्ड में अबकी बार 12वीं के कुल 9111 बच्चों ने पुर्नमूल्यांकन के लिए आवेदन किया और 4632 मामलों में मूल्यांकन में गलतियों को पाया गया है। जिसमें सामान्य गलतियों में सही उत्तरों के लिए शून्य अंक देना और उत्तरों की श्रृंखला का मूल्यांकन नहीं करना आदि भी शामिल है।

गलत मूल्याकंन को लेकर सीबीएसई ने कम से कम 214 शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। इन शिक्षकों में से 81 देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय के हैं और 55 इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के हैं। बता दें कि छात्र एक बार नंबरों का दोबारा टोटल करने के बाद ही पुनर्मूल्यांकन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस साल मूल्यांकन कार्य के लिए गणित और कंप्यूटर विज्ञान शिक्षकों को ही रखा गया था लेकिन कुल त्रुटियां भी अधिक हुई थीं। ऐसी गलतियों को रोकने के लिए सीबीएसई प्रत्येक पेपर का मूल्यांकन दो शिक्षकों से कराता है और बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की त्रुटियों में कमी आई है।

पिछले वर्षों की तुलना में त्रुटियों में कुछ कमी आई है क्योंकि पिछले साल दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर फिर से मूल्यांकन किया गया था जबकि सीबीएसई ने 2016 में पुर्नमूल्यांकन के आंकड़ों को साझा नहीं किया है। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा है कि दो बार मूल्यांकनकर्ता प्रणाली सफल है क्योंकि इस बार 99.6 प्रतिशत प्रतियों का सही मूल्यांकन किया गया है। उन्होंने कहा कि मूल्यांकनकर्ताओं पर दबाव की वजह से 0.4 प्रतिशत त्रुटि दर रह गई है। लगभग 50,000 अध्यापकों ने 61.34 लाख कॉपियों को चेक किया है। 
 
छात्रों को परेशानी न हो इसलिए फिर से पूर्नमूल्यांकन का निर्णय लिया गया- अनुराग त्रिपाठी
सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि बोर्ड ने इस वर्ष फिर से पुर्नमूल्यांकन प्रकिया शुरू करने का फैसला इसलिए लिया है ताकि छात्र मूल्याकंन की त्रुटियों के कारण पीड़ित न हों और उन्हें ऐसा न लगे कि उन्हें उनके मन के मुताबिक नंबर नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि हमने त्रुटियों को कम करने की पूरी कोशिश की है जो सत्यापन से पुनर्मूल्यांकन के लिए हमेशा कम है और सीबीएसई अपने प्रयासों को आगे भी इसी तरह से जारी रखेगा।

हालांकि स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि पुनर्मूल्यांकन के बाद अंकों में तेज वृद्धि कुछ नया है। दक्षिण दिल्ली स्कूल के प्रिंसिपल ने सुझाव दिया कि मूल्यांकन के बाद से छात्रों को सीबीएसई ईमेल उत्तर स्क्रिप्ट केंद्रीयकृत है और वास्तविक समय में सभी अंक ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं। रीटोटलिंग और पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी क्योंकि जिनकी प्रतियां साफ हैं, उन पर यह लागू नहीं होंगी।

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