अगर इमरान खान ने न्यौता भेजा तो पीएम मोदी की जगह प्रतिनिधि भेजेगा भारत
हालांकि विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय फिलहाल इस मुद्दे के राजनीतिक और कूटनीतिक नफा नुकसान की समीक्षा कर रहे हैं। न्यौता के सवाल पर उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि कूटनीति में कभी भी मैदान खाली नहीं छोड़ा जाता।
हालांकि पीएम मोदी ने फोन पर इमरान को बधाई संदेश दिया और उधर से भी सकारात्मक जवाब मिला। लेकिन पिछले चार साल में पठानकोट आतंकी हमले और खासतौर पर अगस्त 2016 में सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में राजनाथ के साथ हुए व्यवहार के बाद दोनों देशों के रिश्ते निचले स्तर पर हैं।
पाक विरोधी घरेलू माहौल भी बनेगा बाधक
सूत्रों ने बताया कि सरकार आमंत्रण पर कोई भी फैसला लेने से पहले घरेलू माहौल भी परखेगी, जो मौजूदा समय में पाकिस्तान विरोधी है। ऐसे में पाकिस्तान जाने पर अगले साल होने वाले चुनाव पर होने वाले असर को भी ध्यान में रखा जाएगा। इन हालात न्यौता मिलने पर पीएम मोदी के प्रतिनिधि भेजने की ही संभावना अधिक है।