नई दिल्ली: वन रैंक वन पेंशन को लेकर पूर्व सैनिकों लंबे समय से आंदोलन कर रहे है। इसी बीच अाज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पेंशन में हर साल संशोधन नहीं किया जा सकता। हालांकि जेटली ने यह भी कहा कि सरकार उच्च पेंशन दरों के साथ कम उम्र में रिटायर होने वाले सैनिकों के हितों की रक्षा करेगी।जेटली ने कहा कि सरकार OROP के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन केवल एक मुश्किल गणितीय जमा घटा है। पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन की अपनी मांग को लेकर पिछले 78 दिनों से दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। उनकी मांगों में पेंशन में सालाना संशोधन भी शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा, OROP का मतलब क्या है? इसके लिए मेरा अपना फॉर्मूला है। आप ऐसा OROP नहीं लागू कर सकते, जहां पेंशन हर महीने या हर साल संशोधित होती हो। वित्त मंत्री ने साथ ही कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जल्द ही आएंगी।जेटली ने कहा, ‘मैं पैसे को लेकर बेहद सतर्क रहता हूं और इसीलिए मेरा काम वास्तव में एक गृहिणी की तरह है जिसे घर में खर्च होने वाले एक-एक पैसे का हिसाब किताब रखना पड़ता है ताकि आप जरूरत से अधिक खर्च न कर दें और उसके बाद उधार मांगें और अगर आप एक सीमा से अधिक उधार मांगते हैं तो आप वित्तीय अनुशासनहीनता में शामिल होते हैं।’वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम सिद्धांत (OROP) को स्वीकार करते हैं। हम सिद्धांत को लागू करेंगे लेकिन ऐसा माहौल नहीं बनाना चाहिए जहां समाज के अन्य वर्ग भी इसी प्रकार की मांगें रखना शुरू कर दें।’ जेटली ने कहा, ‘हम 35 से 38 साल की उम्र में रिटायर होने वाले सैनिकों के हितों की सुरक्षा करना चाहेंगे और समाज को भी उनकी रक्षा करनी चाहिए इसलिए एक विशेष फॉर्मूले पर उच्च पेंशन समझ में आती है लेकिन इसमें हर साल संशोधन नहीं किया जा सकता।’जेटली ने कहा, ‘क्या बीएसएफ या सीआरपीएफ ऐसा कर सकता है? जाहिर सी बात है कि विवेकवान भारत कहेगा कि यह सही कदम नहीं है। आप कोई ऐसा कदम नहीं उठा सकते जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़े। इसलिए तार्किक आधार पर निश्चित रूप से हम OROP को लागू करने में सक्षम होंगे।’
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