नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर देशद्रोह के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इशारों में उसे ही देशविरोधी करार दिया है। जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में कन्हैया कुमार और अन्य पर देशद्रोह और अन्य धाराओं में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए दिल्ली सरकार की अनुमति नहीं लिए जाने के मामले में दिल्ली के कानून मंत्री ने कानून सचिव को बिना विभाग की स्वीकृति के इस मामले से संबंधित फाइल गृह मंत्रालय को भेजने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। श्री केजरीवाल ने गुरुवार को ट्वीट किया “मुझे नहीं पता कन्हैया ने देशद्रोह किया है या नहीं , उसकी जांच कानून विभाग कर रहा है ।”
उन्होंने मोदी सरकार पर दिल्ली के विकास कार्यों में अड़चने डालने का आरोप भी मढ़ा। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा “ उधर मोदी जी ने दिल्ली के बच्चों के स्कूल रोके ,अस्पताल रोके, सीसीटीवी कैमरे रोके,मोहल्ला क्लीनिक रोके, दिल्ली को ठप करने की पूरी कोशिश की, क्या ये देशद्रोह नहीं है।” दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को कन्हैया कुमार और 10 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। महानगर मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने शनिवार को दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि क्या आरोप पत्र दाखिल करने से पहले सभी आवश्यक मंजूरी ली गई थीं ?क्या आपके पास कानून विभाग की मंजूरी है ?”अदालत ने पूछा “ आपने सरकार की अनुमति के बिना आरोपपत्र कैसे दाखिल कर दिया?” देशद्रोह के मामले में सीआरपीसी की धारा 196 के तहत जब तक सरकार की स्वीकृति नहीं मिलती तब तक अदालत आरोपपत्र पर संग्यान नहीं ले सकती। यह मामला जेएनयू में नौ फरवरी 2016 को संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में कथित रुप से देशविरोधी नारे लगाये जाने से संबंधित है।