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आजीवन क्रिकेट प्रतिबंध पर श्रीसंत बोले, मुझसे जबरन अपराध कबूलवाया गया

नई दिल्ली। आजीवन प्रतिबंध लगाने के बीसीसीआई के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान क्रिकेटर श्रीसंत ने कहा कि उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का फैसला गैरकानूनी है।

श्रीसंत ने कहा कि मुझे किसी ने भी गलत काम के लिए संपर्क नहीं किया था। पुलिस ने मुझे हिरासत में लेकर लगातार प्रताड़ित किया और जबरन अपराध कबूलवाया। मैने कोई अपराध नहीं किया। आज हुई सुनवाई के दौरान श्रीसंत ने कहा कि मेरे खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग करने का कोई सबूत नहीं है। ऐसे में बीसीसीआई की ओर से मुझ पर जीवनभर के लिए खेलने पर प्रतिबंध लगाना गलत और गैर कानूनी है।

श्रीसंत ने कहा कि बीसीसीआई का फैसला बिना कोई ठोस सबूत के आधार पर किया गया है। श्रीसंत की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है। केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की गई है। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। जिस फोन कॉल को साक्ष्य के रुप में बताया गया है उसमें रिश्वत लेने की कोई बात ही नहीं है। 7 दिसंबर 2018 को सुनवाई के दौरान श्रीसंत के वकील सलमान खुर्शीद ने कहा था कि श्रीसंत 35 साल के हो गए हैं और उनका प्लेईंग करियर बर्बाद हो रहा है। उन्होंने कहा था कि दूसरे क्रिकेटर जो श्रीसंत के साथ स्पॉट फिक्सिंग के आरोपी थे उन्हें आजीवन प्रतिबंध नहीं झेलना पड़ा।

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