अब सरसों के तेल में नहीं होगी मिलावट, लगा प्रतिबंध
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के आठ मार्च 2021 के और एफएसएसएआई की वैज्ञानिक समिति के 29 दिसंबर 2020 के सर्कुलर को सलंग्न करते हुये कहा गया है कि इस अधिसूचना में अब तक मिश्रित खाद्य वनस्पति तेल के तौर पर जाने जाने वाले बहुस्रोतीय खाद्य वनस्पति तेल को परिभाषित किया गया है। इसमें कहा गया है कि एगमार्क के तहत आने वाली जिंसों को एफएसएसएआई नियमों के अनुपालन की आवश्यकता होती है इसलिये मिश्रित खाद्य वनस्पति तेल (बीईवीओ) के ग्रेडिंग और मार्केटिंग नियम एफएसएसएआई की अधिसूचना के अनुरूप संशोधित माने जाएंगे।
नई दिल्ली : विभिन्न स्रोत वाले तेलों से तैयार किए जाने वाले खाद्य वनस्पति तेल (एमएसईवीओ) के उत्पादन व पैकिंग में सरसों तेल को मिलाने पर रोक आज यानी मंगलवार से प्रभावी हो गई है। आज से अब सरसों के तेल में किसी दूसरे खाद्य तेल की मिलावट नहीं की जा सकती। अब बाजार में भी लोगों को शुद्ध सरसों का तेल मिलेगा। सरकार की ओर से सोमवार को इस आशय का आदेश जारी किया गया था। आज से अब सरसों के तेल में किसी दूसरे खाद्य तेल की मिलावट नहीं की सकती। अब आपको बाजार में भी शुद्ध सरसों का तेल मिलेगा। एमएसईवीओ के उत्पादन में सरसों तेल को मिलाने के बारे में पैकर्स को जो अनुमति अथवा मंजूरी दी गई थी उसे वापस ले लिया गया है। इसके अनुसार अब सरसों तेल को दूसरे स्रोत के खाद्य तेलों के साथ सम्मिश्रित नहीं किया जा सकेगा।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग के तहत आने वाले विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय ने मिश्रित खाद्य वनस्पति तेल के सभी पैकिंग करने वालों के नयी दिल्ली स्थित क्षेत्रीय कार्यालयों के नाम जारी इस आदेश में कहा गया है कि बहुस्रोतीय खाद्य वनस्पति तेल के उत्पादन में सरसों तेल के निषेध और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश क्रमश: आठ जून 2021 और एक जुलाई 2021 से अमल में आ जायेगा।