नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के नाविकों के मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने लंबित मामले को बंद कर दिया और पीड़ितों के उत्तराधिकारियों को 4-4 करोड़ मुआवजे का आदेश दिया। इससे पहले कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि पीड़ितों के परिवार के हितों की रक्षा के लिए मुआवजे का पैसा केरल हाई कोर्ट में जमा किया जाए।
बता दें कि वर्ष 2012 में इटली के दो नाविकों ने दो भारतीय मछुआरों की हत्या कर दी थी। भारत ने इटली के तेल टैंकर एमवी एनरिका लेक्सी पर तैनात दो इतालवी नाविकों -सल्वाटोरे गिरोने और मैस्सीमिलियानो लटोरे पर भारत के आर्थिक क्षेत्र में 15 फरवरी 2012 को मछली पकड़ने वाली नौका में सवार दो भारतीय मछुआरों की गोली मार कर हत्या करने का आरोप लगाया था।
हत्या के मामले में दोनों नाविकों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले के अनुसार दोनों नाविकों को इटली की जेल भेज दिया गया और नाविकों को 10 करोड़ का मुआवजा देने का फैसला किया गया। अब ये मुआवजा मिल चुका है। इसमें से चार-चार करोड़ रुपये उन नाविकों के स्वजनों को दिए जाएंगे और दो करोड़ रुपये उस नौका मालिक को मिलेंगे जिसकी नाव में सवार होकर ये मछुआरे मछली पकड़ने समुद्र में गए थे।
केंद्र ने जुलाई 2020 को शीर्ष अदालत में इतालवी नाविकों के खिलाफ चल रही कार्यवाही बंद करने के लिये एक आवेदन दायर किया था। केंद्र ने कहा था कि उसने हेग स्थित पंचाट की स्थाई अदालत का 21 मई, 2020 का फैसला स्वीकार कर लिया है कि भारत इस मामले में मुआवजा पाने का हकदार है, लेकिन नाविकों को प्राप्त छूट की वजह से वह इन पर मुकदमा नहीं चला सकता।