सिडबी ने उद्यमियों के लिए शुरू किया स्वालंबन चुनौती फंड
लखनऊ: भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्द्धन एवं विकास में संलग्न एक शीर्ष वित्तीय संस्था है। सिडबी ने फ़ॉरेन, कॉमनवैल्थ एंड ड़ेवलपमेंट ऑफिस, यूनाइटेड किंगडम,(एफसीडीओ यूके) के साथ साझेदारी में स्वावलंबन चुनौती फंड का शुभारम्भ किया है।
यह चुनौती फंड, संगठनों के बीच प्रतिस्पर्धा का उपयोग करके विशिष्ट उद्देश्यों के लिए फंड आवंटित करने के लिए एक निधि सहायता तंत्र है। मान लीजिए कि कोई विचार है जिस पर प्रयोग करने या जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है, लेकिन फंड एक बाधा बनी हुई है तो चुनौती फंड इस विचार को निर्धारित रूपरंग में प्रस्तुत करने, इसे लागू करने और मान्य करने के लिए समाधान मंच प्रदान करता है। तत्पश्चात, इसे अन्य दाता / वित्तपोषक की सहायता से आगे बढ़ाया जा सकता है।
स्वावलंबन चुनौती फंड अलाभार्थ संगठनों / शैक्षणिक संस्थानों / सामाजिक स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जिनका ध्यान स्थायी आजीविका, वित्तीय समावेशन, और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच और देश में उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने पर है। आजीविका, महिला सशक्तिकरण, वित्तीय साक्षरता, उत्तरदायी व्यवसाय आदि चुनिन्दा छह विषयों पर पात्र संस्थाएं पुरस्कार के लिए अपना प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकती हैं।
डिजिटल पोर्टल उद्यमी मित्र के साथ स्वावलंबन चुनौती फंड का शुभारंभ एमएसएमई मंत्रालय के सचिव श्री बी.बी.स्वाई ने किया। इस अवसर पर एमएसएमई के विकास आयुक्त श्री डीके सिंह, श्री सिवसुब्रमणियन रमण, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सिडबी, सुश्री ममता कोहली, वरिष्ठ सामाजिक विकास सलाहकार और श्री गौरव कपूर, एफसीडीओ यूके, के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने कहा, “आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है और हमने उद्यमशीलता की स्वतंत्रता को और आसान बनाने के लिए कार्रवाई योग्य / नवीन पहलों को बढ़ावा देने के बारे में सोचा है। चुनौती फंड, इसी परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत हुआ है। मुझे यकीन है कि इस चुनौती फंड के माध्यम से बाधाओं को दूर करने और अभिनव समाधानों के माध्यम से विकास के निर्बाध प्रवाह को आसान बनाया जाएगा।”
इस फंड के तहत, ‘पायलट श्रेणी’ और ‘स्केल-अप श्रेणी’ इन दो श्रेणियों में आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। ‘पायलट श्रेणी’ के तहत आवेदक अपने प्रस्ताव के साथ नवीन विचारों के प्रयोग / परीक्षण / अभ्यास के लिए आवेदन कर सकते हैं, जबकि ‘स्केल-अप श्रेणी’ में आवेदकों द्वारा पैमाने को बढ़ाने के लिए पहले से चल रही / पूर्ण परियोजनाओं को नामांकित किया जा सकता है। यह मौजूदा प्रवेश-द्वार 21 अगस्त, 2021 तक खुला रहेगा।
इस फंड का कुल परिव्यय विभिन्न विषयों में चयनित प्रस्तावों की संख्या पर निर्भर करेगा और श्रेणी-वार आवंटित राशि ‘पायलट श्रेणी’ के लिए 20 लाख रुपये और ‘स्केल-अप श्रेणी’ के लिए 35 लाख रुपये तक है। इस फंड के परिचालन के लिए परियोजना की अवधि 6 महीने से अधिक और 2 वर्ष तक की होगी।