मध्य प्रदेशराज्य

विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातियों का प्रदेश के संसाधनों पर बराबर का अधिकार : मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातियों का प्रदेश के सभी संसाधनों पर बराबर का अधिकार है। यह समुदाय विकास और उन्नति करे और प्रदेश की प्रगति में बराबर की भूमिका निभाए, इसके लिए राज्य सरकार कृत-संकल्पित है। इन जनजातियों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के लिए सभी आवश्यक प्रयास किये जाएंगे। इस क्रम में इन जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए श्रमोदय विद्यालय, ग्रामोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालयों में सीटें आरक्षित की जाएंगी। छात्रावासों में भी इन विद्यार्थियों के लिए स्थान आरक्षित होगा। विमुक्त, घुमक्कड़ तथा अर्धघुमक्कड़ जनजातियों की परम्परा, संस्कृति और जीवन मूल्यों को संरक्षित करने के लिए संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान विमुक्त जाति दिवस के अवसर पर आज मुख्यमंत्री निवास पर विमुक्त घुमक्कड़ तथा अर्धघुमक्कड़ जनजाति पंचायत को संबोधित कर रहे थे। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण तथा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा, भाजपा संगठन मंत्री सुहास भगत तथा विमुक्त-घुमक्कड़ और अर्धघुमक्कड़ जनजातियों के वरिष्ठजन तथा प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कन्या-पूजन तथा दीप प्रज्वलित कर पंचायत का शुभारंभ किया।

31 अगस्त जनजातियों के विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रति वर्ष 31 अगस्त का दिन जनजातियों के विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। प्रदेश में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ वर्ग के कल्याण के लिए 2011 में पृथक विभाग का गठन किया गया था। सालों तक विकास की मुख्य-धारा से कटी रही इन जनजातियों की पीड़ा को समझकर की गई इस पहल को विस्तार देते हुए अब जनजातियों के सम्पूर्ण कल्याण के लिए घुमंतु तथा अर्द्धघुमंतु मंत्रालय बनाया जाएगा।

एक स्थान पर प्रवेश लेकर बच्चे को दूसरे स्थान के स्कूल में भी पढ़ा सकेंगे

मुख्यमंत्री चौहान ने पंचायत में उपस्थित सभी व्यक्तियों को अपने बेटा-बेटियों को स्कूल भेजने और पढ़ाने की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातियों की भ्रमण करने की परिस्थिति और परंपरा को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कि एक शाला में प्रवेश के आधार पर बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था दूसरे स्थान के स्कूल में भी हो सकेगी। जो माता- पिता अपने बच्चों को साथ रखकर भ्रमण पर जाना चाहते हैं, उनके बच्चों को उन्हीं स्थानों के शासकीय विद्यालयों में प्रवेश मिल जाएगा। इन जनजातियों के जो प्रतिभाशाली बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेंगे, उनकी फीस राज्य शासन द्वारा भरी जाएगी।

प्रदेश में कुछ ही दिनों में एक लाख शासकीय पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरंभ होगी

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उन्नति के लिए आर्थिक सशक्तिकरण आवश्यक है। शासकीय सेवा में निकलने वाली सभी भर्तियों की परीक्षाओं के लिए इन जनजातियों के युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में कुछ ही दिनों में लगभग एक लाख शासकीय पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आरंभ होने वाली है। साथ ही स्वरोजगार योजनाओं के लिए युवाओं को बैंक से लोन सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। लोन का ब्याज राज्य सरकार द्वारा भरा जाएगा। जनजातियों के जो लोग कला कौशल में निपुण हैं उन्हें आईटीआई में प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। आजीविका की पुख्ता व्यवस्था के लिए ऐसे व्यक्तियों को बैंक से भी ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। बहन-बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से स्व-सहायता समूहों का गठन होगा।

उपयुक्त स्थानों पर आवासीय पट्टों की व्यवस्था

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विमुक्त,घुमक्कड़ तथा अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के टोले- मजरे को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए सर्वे कराकर आवश्यक कार्यवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। हमारी कोशिश यह रहेगी कि इन समुदायों का कोई भी व्यक्ति बिना ज़मीन के नहीं रहे। प्रत्येक व्यक्ति को उपयुक्त स्थानों पर आवासीय पट्टे उपलब्ध कराये जाएंगे।

इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन द्वारा इलाज की व्यवस्था की जा रही है। प्रत्येक व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे पाँच लाख रूपये तक का नि:शुल्क इलाज चिन्हित निजी चिकित्सा अस्पतालों में भी हो सकेगा।

विमुक्त,घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के मजदूरों को पहचान-पत्र

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पुलिस अब अपराध दर्ज करते समय व्यक्ति विशेष के नाम का ही उल्लेख करेगी। व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। विमुक्त,घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के प्रवासी मजदूरों और फेरी वालों के लिए पहचान-पत्र बनाए जाएंगे।

प्रमाण-पत्र में मूल जाति का उल्लेख किया जाएगा

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इन जनजातियों के विकास और कल्याण की योजनाओं के जिला स्तर पर बेहतर संचालन और समीक्षा के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समिति गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विमुक्त,घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के प्रमाण-पत्र में मूल जाति का उल्लेख किया जाएगा।

घुमंतु जनजातियों की पंचायत एक ऐतिहासिक कदम

मंत्री राम खेलावन पटेल ने 51 जनजातियों की ओर से मुख्यमंत्री चौहान का पंचायत आयोजन के लिए आभार माना। मंत्री पटेल ने इन जनजातियों के ऐतिहासिक दमन का उल्लेख करते हुए राज्य शासन द्वारा घुमंतु जातियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घुमंतु जनजातियों की पंचायत एक ऐतिहासिक कदम है।

मुख्यमंत्री निवास बना गरीब कल्याण का केंद्र

सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान द्वारा वंचित, शोषित और पीड़ितों को मुख्यमंत्री निवास बुला कर उनकी समस्याएँ सुनने के लिए पंचायत आयोजित करने के परिणाम स्वरूप प्रदेश का मुख्यमंत्री निवास गरीब कल्याण का केंद्र बन गया है।

पंचायत में विभिन्न जनजातियों के प्रतिनिधि रवि बुंदेला, मोहन नरवरिया, मोहन लाल खिची ने अपने विचार रखे। विधायक मऊगंज रीवा प्रदीप पटेल, पूर्व विधायक तथा मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष राधेलाल बघेल, संजय जाधव और नारायण सिंह बंजारा उपस्थित थे।

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