नई दिल्ली: देश में ओमिक्रोन की परेशानी और भी तेजी से बढ़ती जा रही है. अब तक कुल 145 मामले सामने आ चुके है. ओमिक्रोन तेजी से बढ़ रहा और फैलता चला जाता है. दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और यूरोप के उदाहरण यही बोल रहे है. एक तरफ ओमिक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ डॉक्टर बार-बार हड़ताल पर जाना शुरू कर दिया है. डॉक्टरों की चिंताएं सरकार को समझनी चाहिएं लेकिन अब वक्त ओमिक्रोन के विरुद्ध युद्ध की तैयारी की जा चुकी है.
नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में देरी के विरुद्ध राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से संचालित तीन हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों ने शनिवार को निरंतर दूसरे दिन आपात सेवा सहित सभी सेवाओं का बहिष्कार करने में लगे रहे, जिसके कारण से मरीजों का उपचार प्रभावित हुआ.
मरीजों के भगवान डॉक्टरों इस समय बहुत ही ज्यादा नाराज़ चल रहे है, और मरीज की परेशानी बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों का बोलना है कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं. डॉक्टरों की मांग है कि काम का बोझ बेहद ही अधिक है. जल्द से जल्द नीट-पीजी की काउंसलिंग हो. काउंसलिंग ना होने से नए जूनियर डॉक्टर नहीं आ पा रहे.
रेजीडेंट डॉक्टरों ने 6 दिसंबर को भी हड़ताल की थी लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के आश्वासन के उपरांत हड़ताल को स्थगित किया जा चुका है. हालांकि नीट पीजी काउंसलिंग का पूरा केस अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है इसकी सुनवाई 6 जनवरी को होने वाली है. ओमिक्रोन के बढ़ते केसों ने तीसरी लहर का डर को बढ़ा दिया है और ऐसे में डॉक्टरों की ये हड़़ताल और डरा रही है.