तेलंगाना के वारंगल में राहुल गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों को धान की कीमत 2500 मिलता है
रायपुर। राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि ये जो आपका प्रदेश है, नया प्रदेश है। तेलंगाना, ये आसानी से नहीं बना। इस प्रदेश को बनाने के लिए तेलंगाना के युवाओं ने, तेलंगाना की माताओं ने अपना खून, अपने आँसू दिए थे और ये प्रदेश किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं बना था, ये एक सपना था, तेलंगाना की जनता का सपना था। 8 साल हो गए, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, तेलंगाना का जो सपना था, प्रगति का सपना, उस सपने का क्या हुआ? पूरा तेलंगाना देख सकता है कि एक परिवार को जबरदस्त फायदा हुआ। मगर मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, तेलंगाना की जनता को क्या फायदा मिला? क्या आपको रोजगार मिला? (जनता ने कहा-नहीं)
आज यहाँ पर किसानों की विधवाएं स्टेज पर हैं, रो रही हैं, ये किसकी जिम्मेदारी है? ये अकेली नहीं हैं, ऐसी तेलंगाना में हजारों बहनें हैं, जिनके पति ने आत्महत्या की, किसकी जिम्मेदारी है? सपने को पूरा करने के लिए आपने अपना खून, अपने आँसू दिए। आप लड़े, मगर हम भी आपके साथ खड़े थे। कांग्रेस पार्टी ने भी आपके साथ ये लड़ाई लड़ी और अंत में कांग्रेस पार्टी ने और सोनिया गांधी जी ने ये काम पूरा करके तेलंगाना की जनता को दिया। भाईयों औऱ बहनों, आप ये मत भूलिए, ये काम कांग्रेस पार्टी के लिए आसान नहीं था। कांग्रेस पार्टी को नुकसान हुआ, हमें मालूम था कि हमें नुकसान होने जा रहा है, मगर हम तेलंगाना की जनता के साथ खड़े हुए और हमने मिलकर, आपके साथ मिलकर आपको नया प्रदेश दिया। आपने सोचा था कि तेलंगाना की जनता की सरकार बनेगी, किसानों की सरकार बनेगी, मजदूरों की सरकार बनेगी, गरीबों की सरकार बनेगी; पता लगा, जनता की सरकार नहीं बनी। आज तेलंगाना में कहा जाता है कि चीफ मिनिस्टर हैं, मगर ये चीफ मिनिस्टर नहीं हैं, ये राजा है। राजा और मुख्यमंत्री में क्या फर्क होता है? मुख्यमंत्री जनता की आवाज को सुनता है, राजा जनता की आवाज को नहीं सुनता है। राजा जो करना चाहता है, वो कर डालता है। मुख्यमंत्री लोकतंत्र में भरोसा करता है। मुख्यमंत्री जनता की बात सुनकर निर्णय लेता है। राजा को लोकतंत्र से कुछ लेना-देना नहीं। जो राजा के दिल में आता है, वो राजा कर देता है। ये फर्क है।
छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार है। चुनाव के समय हमने दो बड़े वायदे किए थे। पहला वायदा कि छत्तीसगढ़ के किसानों का हम कर्जा माफ करके दिखा देंगे और दूसरा वायदा, पैडी (धान) को हम 2,500 रुपए प्रति क्विंटल खरीदेंगे। किसानों ने हमें कहा कि हमें कर्जा माफी की जरुरत है और हमें 2,500 रुपए एमएसपी आप दीजिए। हमने उनकी आवाज सुनी और आज आप जाइए, छत्तीसगढ़ जाइए और वहाँ पूछिए- धान के लिए क्या दाम मिलता है? पूरा छत्तीसगढ़ का किसान आपको बताएगा कि छत्तीसगढ़ में 2,500 रुपए प्रति क्विंटल धान का मिलता है। आज आपके जो चीफ मिनिस्टर हैं, किसानों की आवाज नहीं सुन रहे हैं। 2,3 बड़े उद्योगपतियों की आवाज सुनते हैं, उनके लिए काम करते हैं, मगर किसानों की आवाज नहीं सुनते हैं और जो छत्तीसगढ़ के किसान ने कहा था, वही तेलंगाना का किसान कह रहा है। तेलंगाना का किसान कह रहा है कि मिर्ची के लिए, धान के लिए हमें सही दाम चाहिए और हमारा कर्जा माफ होना चाहिए।
तेलंगाना के किसी भी किसान को घबराने की जरुरत नहीं है। जैसे ही कांग्रेस पार्टी की यहाँ सरकार बनेगी, वैसे ही दो लाख रुपए का कर्जा माफ होगा और आपको सही एमएसपी मिलनी शुरू हो जाएगी। आपको ज्यादा समय रुकने की जरूरत नहीं है। आप घबराइए मत, डरिए मत, ये काम कुछ ही महीने में कांग्रेस पार्टी करके आपको दे देगी। ये खोखले शब्द नहीं हैं, ये तेलंगाना के सपने को पूरा करने का पहला कदम है। किसानों की मदद, किसानों की रक्षा के बिना तेलंगाना का सपना पूरा नहीं हो सकता है। अभी हमने वरंगल डिक्लेरेशन किया और उसमें हमने तेलंगाना के किसानों से वायदे किए। मैंने कर्जा माफी की बात की, एमएसपी की बात की। 15,000 रुपए प्रति एकड़ डायरेक्ट बेनेफिट हम किसानों को देने जा रहे हैं और रेवंत जी ने पूरा डिक्लेरेशन पढ़ा। ये सिर्फ एक डिक्लेरेशन नहीं है, ये किसानों के लिए कांग्रेस पार्टी की गारंटी है।