जयपुर : प्रदेश में 17 सितंबर का दिन गौरवमयी इबारत गढ़ेगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत एमएसएमई दिवस के अवसर पर प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति और राजस्थान एमएसएमई नीति-2022 जारी करेंगे। उद्यमियों और निर्यातकों को उद्योग रत्न और निर्यात प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत ने बताया कि 17 सितंबर को जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में होने वाले इस आयोजन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजसिको चेयरमैन श्री राजीव अरोड़ा, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता, उद्योग आयुक्त महेन्द्र कुमार पारख सहित आला अधिकारीगण शिरकत करेंगे। इस दौरान राजस्थान की हस्तकलाओं पर तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘राजस्थानी कारीगरी’ का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।
श्रीमती रावत ने बताया कि राजस्थान हस्तशिल्प नीति-2022 का उद्देश्य हस्तशिल्पियों के उत्थान के लिए बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था, परम्परागत कलाओं एवं विलुप्त होती कलाओं को पुर्नजीवित करना और रोजगार के नए अवसर सृजित करना है। राज्य की प्रथम हस्तशिल्प नीति लागू होने से टेक्सटाइल, मेटल एंड वुड, कारपेट, दरी, नमदा, सेरेमिक एवं क्लेआर्ट, पेन्टिंग, लेदर क्राफ्ट, ज्वैलरी आदि के दस्तकारों को लाभ होगा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में आगामी 5 वर्षों में 50 हजार से अधिक नये रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
वाणिज्य मंत्री ने बताया कि कृषि के बाद, एमएसएमई क्षेत्र देश में रोजगार सृजन के क्षेत्र में दूसरे पायदान पर है। संख्या में भी अधिक होने से एमएसएमई उद्यम औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की रीढ़ के रूप में कार्य करके देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी बहुत बड़ा योगदान देते हैं। एमएसएमई की क्षमता का दोहन करने के लिए आज नई राज्य की नई एमएसएमई नीति ‘राजस्थान माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज नीति-2022‘ भी जारी की जाएगी।
श्रीमती रावत ने बताया कि प्रदेश में निर्यात संवर्धन के प्रोत्साहन के लिए 29 निर्यातकों को निर्यात प्रोत्साहन अवार्डस् और विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए 13 उद्यमियों को उद्योग रत्न अवार्डस् से भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इन्वेस्ट राजस्थान समिट में शेष रहे 25 से अधिक उद्यमियों के साथ भी करीब 12 हजार करोड़ के निवेश एमओयू पर भी हस्ताक्षर होंगे।