उत्तराखंड

उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘‘प्रगति पथ से प्रकृति पथ’’ साइकिल यात्रा के समापन समारोह में किया प्रतिभाग

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी ईकोलॉली, पर्यावरण, वन संपदा हमारी सबसे बड़ी सम्पति है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारी जिम्मेदारी भी सबसे बड़ी है। हमें लोगों को विशेषकर युवाओं को पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वृक्षारोपण के लिए जागरूक करना होगा। इसके साथ ही स्कूली बच्चों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पद्म भूषण डॉ. अनिल जोशी को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित करते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके द्वारा किये जाने वाले प्रयासों का भी सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में गौरा देवी, सुन्दरलाल बहुगुणा, जैसे महान पर्यावरणविद् हुए है। जो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। पद्म भूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी जी पर्यावरण के प्रहरी तो हैं ही साथ ही हमारे लिए विशेष गौरव की बात है कि वह समय समय पर हमारा मार्गदर्शन भी करते रहे हैं कि किस तरह हम प्रगति और प्रकृति के बीच सामंजस्य बैठाते हुए विकास की परिभाषा गढ़ें जो सिर्फ उत्तराखंड या हिमालयी राज्यों के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देशों के लिए भी एक मिसाल बन सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पद्म भूषण डॉ. अनिल जोशी के नेतृत्व में 7 राज्यों से गुजरी 40 दिवसीय प्रगति से प्रकृति पथ यात्रा पूरे उत्तराखंड के लिए भी एक उपलब्धि है जिसके माध्यम से उन्होंने यात्रा मार्ग में अपने संवाद से हजारों लोगों के मन में पर्यावरण के प्रति चेतना जगाई और हमारे प्रदेश का मान बढ़ाया है। इस यात्रा के दौरान हुए अविस्मरणीय अनुभव निश्चित रूप से उत्तराखंड के विकास में उत्प्रेरक का काम करेंगे और इकोनॉमी तथा इकोलॉजी में संतुलन बनाते हुए विकास के नए आयाम गढ़ने में सहायक होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव सर्वविदित है। उन्होंने उत्तराखण्ड को स्वर्ग की संज्ञा दी है। प्रधानमंत्री जी ने माणा में अपने संबोधन में सभी लोगों से अपनी यात्रा व्यय का 5 प्रतिशत धनराशि वहां के स्थानीय उत्पादों के क्रय पर व्यय करने की बात कही है इससे स्थानीय उत्पादों के उत्पादन एवं विपणन में लाभ मिलेगा। तथा हमारी स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी मातृशक्ति का भी सम्मान और आर्थिकी मजबूत होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड देश के श्रेष्ठ राज्यों में अपनी पहचान बनाये इस दिशा में हमें मिल जुलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास की दिशा निर्धारण के लिए बोधिसत्व विचार श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। अब तक 7 से ज्यादा विचार श्रृंखलाएं आयोजित की जा चुकी हैं जिसमें पद्म भूषण डॉ. अनिल जोशी के साथ ही नीति आयोग एवं विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के विचार राज्य के समग्र विकास का मॉडल तैयार करने में निश्चित रूप से सहायक होंगे।

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