जयपुर : जयपुर ग्रेटर नगर निगम चुनाव के नतीजे घोषित होने से ठीक पहले गुरुवार को नए मेयर की नियुक्ति के लिए हाने वाले चुनाव को रोक दिया गया। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा सौम्या गुर्जर को उनके पद से बर्खास्त किए जाने के बाद नए मेयर का चुनाव करने के लिए उपचुनाव हुआ था।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने 27 सितंबर को जयपुर ग्रेटर नगर निगम, गुर्जर के तत्कालीन मेयर को बर्खास्त कर दिया, जो भाजपा से हैं। उसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने एक नए महापौर के चुनाव की घोषणा की।
हालांकि, गुर्जर गहलोत सरकार के फैसले के खिलाफ अदालत गए। उनकी याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति महेंद्र गोयल ने सरकार के बर्खास्तगी आदेश को खारिज कर दिया।
कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चुनाव बीच में ही रोक दिया। दोपहर करीब 12 बजे गुरुवार को जयपुर ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में मेयर के चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो चुकी थी और मतगणना भी शुरू हो गई थी।
करीब आधे घंटे के बाद फैसला सुनाया गया। शहर के तमाम भाजपा-कांग्रेस सांसद और विधायक चुनाव की पैरवी में जुटे थे। अचानक हाईकोर्ट के फैसले से हड़कंप मच गया और पूरी चुनावी प्रक्रिया ठप हो गई।