रायपुर : छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव ब्लॉक अंतर्गत धुर नक्सली प्रभावित रहे रानापाल ईलाके में कभी नक्सलियों की दहशत रहती थी, ऊंची पहाडि?ों और सघन वनाच्छादित इस क्षेत्र के कई गांव साल के 6 महिने पहुंचविहीन रहा करते थे जिससे यह क्षेत्र विकास की मुख्य धारा से सदैव अछुता रहा। यहां के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, पेय जल, बिजली के लिए तरसा करते थे। उन्हे सड़कों के न होने से समय पर एम्बुलेंस, चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता प्राप्त नहीं हो पाती थी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर ऐसे क्षेत्रों के विकास और यहां सड़कों के निर्माण के लिए जिला प्रशासन द्वारा इन क्षेत्रों के विकास के लिए सड़क निर्माण की पहल की गयी। जहां पहाड़ी रास्तों, नदी-नालों के कारण सड़क बनाया जाना असंभव लगा करता था, वहां प्रशासन द्वारा दृढ़ निश्चय दिखाते हुए सर्वे करा कर सड़क निर्माण प्रारंभ किया। मदार्पाल से भाटपाल एवं भाटपाल से खाल्हेमुरवेंड मार्ग का निर्माण प्राचीन आदिम देव लिंगो देव के नाम पर लिंगों देव पथ रखा गया। मदार्पाल से बयानार होकर नारायणपुर जिले के भाटपाल तक 40 किलोमीटर लम्बी डामरीकृत सड़क बन अब जाने से इस वनांचल में शांति और अमन-चैन लौट रहा है। इस क्षेत्र के 08 बड़े ग्रामों के करीब 4 हजार आबादी तथा इससे जुड?े वाले 20 से अधिक ग्रामों के ग्रामीणों को बारहमासी सड़कों के बन जाने से स्वास्थ्य-शिक्षा जैसी आधारभूत सुविधाएं भी मिल रही है। वहीं किसानों एवं ग्रामीणों को अपनी कृषि उत्पाद तथा वनोपज को धान खरीदी केन्द्र एवं हाट-बाजार तक लाकर विक्रय करने में सहूलियत हो रही है।
छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण कोण्डागांव के द्वारा निर्मित मदार्पाल से भाटपाल सड़क जो वर्तमान में कोण्डागांव जिले के चिंगनार, कोनगुड़, धनोरा, होनहेड़ होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 में स्थित खालेमुरवेण्ड तक सीधे जुड़ेगी। यह सड़क भविष्य में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के वैकल्पिक बॉयपास मार्ग के रूप में आवागमन के लिए सुविधाजनक होगी। भविष्य में इस मार्ग को बारसुर-कुधुर के रास्ते मदार्पाल से जोड?े की योजना बनायी गयी है। ताकि दंतेवाड़ा से केशकाल की दूरी को कम किया जा सके और ग्रामीणों को व्यापार व्यवसाय के नवीन अवसर प्राप्त हो सके। वर्तमान में निमार्णाधीन यह सड़क जिले के अंदरूनी ईलाके और पर्यटन स्थलों को जोड?े के लिए जीवन रेखा साबित होगी। इस क्षेत्र में कई अनछुए क्षेत्र है जो कि पर्यटन के क्षेत्र में वृहद सामर्थ्य रखते हैं। जिनको खोज कर इस क्षेत्र के लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसी सड़क के दूसरे सिरे पर भाटपाल से खालेमुरवेंड मार्ग पर सड़क निर्माण के बाद 20 से अधिक जलप्रपातों की खोज की गयी है। जिससे क्षेत्र को नई पहचान मिली है।