पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गए। इससे पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। राजग की मंगलवार को होने वाली बैठक से ठीक पहले चिराग पासवान के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल होने को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, विशेष रूप से बिहार की राजनीति के लिए।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘चिराग पासवान से दिल्ली में भेंट हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने का निर्णय लिया है। मैं उनका राजग परिवार में स्वागत करता हूं।” नड्डा ने इस मुलाकात से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। पासवान ने इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर एक ट्वीट के जरिए जल्द ही राजग में शामिल होने के संकेत दिए थे। चिराग पासवान ने कहा, ‘‘आज नई दिल्ली में देश के गृह मंत्री अमित शाह से गठबंधन के मुद्दों को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई।” चिराग के पिता और दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में अविभाजित लोजपा ने 2019 में छह लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के साथ सीट के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी।
युवा नेता चिराग चाहते हैं कि उनकी पार्टी में विभाजन के बावजूद भाजपा, उसी व्यवस्था पर कायम रहे। लोजपा में विभाजन के बाद बने दूसरे गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं, जो सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं। लोजपा (रामविलास) के सूत्रों ने कहा कि चिराग पासवान ने अपने गठबंधन को औपचारिक रूप देने से पहले बिहार में लोकसभा और विधानसभा सीट के अपने हिस्से के बारे में भाजपा के समक्ष स्पष्टता पर जोर दिया है। चिराग पासवान सीट के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। शाह से आज की उनकी मुलाकात को भी इसी कवायद के रूप में देखा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय इससे पहले चिराग पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं।
चिराग यह भी चाहते हैं कि भाजपा उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट दे, जो दशकों से उनके पिता का गढ़ रही है, लेकिन वर्तमान में संसद में पारस इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। चिराग के चाचा ने भी इस सीट पर दावा करते हुए कहा है कि वही रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं, ना कि चिराग। भाजपा भी दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के लिए काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री पारस से भी मुलाकात की है।