अन्तर्राष्ट्रीय

मछुआरों के मुद्दों का स्थायी समाधान तलाशेंगे भारत-श्रीलंका

102623-sri-lankaदस्तक टाइम्स एजेन्सी/  कोलंबो: भारत और श्रीलंका के विदेश मंत्रियों के रक्षा, विमानन और व्यापार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति का जायजा लेने के साथ दोनों देश मुछआरों के मुद्दे के ‘लीक से हटकर और स्थायी समाधान’ तलाशने पर सहमत हुए। यह मुद्दा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी बाधा है।

 विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष मंगला समरवीरा के साथ नौवें भारत-श्रीलंका संयुक्त आयोग की बैठक की सह अध्यक्षता की जिसके बाद दोनों देशों ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहमति ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि श्रीलंकाई मत्स्य मंत्री महिन्दा अमरवीरा मछुआरों के मुद्दे के हल की खातिर बातचीत के लिए भारत का दौरा करेंगे।

विदेश मंत्रालय की संयुक्त सचिव रेनू पाल ने कहा, ‘इस बात पर सहमति बनी कि हमें इस मुद्दे का एक अलग तरह का एवं स्थायी समाधान तलाशने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘दोनों मंत्रियों ने मछुआरों के मुद्दे पर चर्चा की।’ अधिकारियों ने कहा कि भारत ने श्रीलंकाई मत्स्य मंत्री को देश के दौरे के लिए आमंत्रित किया जिसे श्रीलंका सरकार ने स्वीकार कर लिया।

मछुआरों का मुद्दा दोनों देशों के संबंधों में एक बड़ी बाधा है। श्रीलंका भारतीय मुछआरों पर अपने जल क्षेत्र में घुसने का आरोप लगाता रहा है जबकि भारतीय मुछआरों का कहना है कि वे अपने पारंपरिक क्षेत्रों में खासकर कच्चाथिवू के आसपास ही मछली पकड़ते हैं। 1974 में कच्चाथिवू द्वीप श्रीलंका का हिस्सा बन गया था।

संयुक्त आयोग की बैठक दो घंटे से ज्यादा देर तक चली जिसमें आर्थिक सहयोग, व्यापार, विद्युत एवं उर्जा, तकनीकी एवं समुद्री सहयोग, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक मामले, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा सहयोग, स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन, पर्यटन और दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी। जिन सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए उनके तहत भारत श्रीलंका की उत्तरी प्रांत में 27 स्कूलों के नवीनीकरण में मदद करेगा। दूसरे सहमति ज्ञापन पूर्वी प्रांत में स्थित बट्टीकलोआ शिक्षण अस्पताल में एक ऑपरेशन वार्ड का निर्माण करने और अस्पताल को चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने से जुड़ा है।

श्रीलंका ने त्रिणकोमली में विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना में भागीदारी और विमानन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया। सुषमा और मंगला संशोधित द्विपक्षीय वायु सेवा समझौते को आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए।

अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों ने एयरोनॉटिकल अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और श्रीलंका द्वारा भारतीय उपग्रह प्रणाली ‘गगन’ के इस्तेमाल पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त आयोग ने इन संबंधों की गहराई, तीव्रता और विशिष्टता को भी माना।’

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