PM मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती बरकरार, फिर इस साल मिलेंगे दोनों नेता
मॉस्को : इस साल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संभावित मुलाकात को लेकर रूस और भारत के बीच चर्चा चल रही है। मॉस्को में भारत के राजदूत पवन कपूर के मुताबिक, ”उच्च स्तरीय चर्चा’ जारी है। रूस की न्यूज एजेंसी आरआईए ने इस बात की जानकारी दी है। पुतिन और मोदी की मुलाकात की खबरें ऐसे समय में आ रही हैं जब रूसी राष्ट्रपति बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई)सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन रवाना हो रहे हैं। कई लोगों ने कयास लगाए थे कि शायद अब रिश्तों में भारत का पलड़ा कमजोर पड़ने लगा है। लेकिन इस जानकारी ने सबको गलत साबित कर दिया है।
मोदी और पुतिन की आखिरी मुलाकात सितंबर 2022 में शंघाई शिखर सम्मेलन (एससीओ) के दौरान हुई थी। दक्षिण अफ्रीका के जोहांसिबर्ग में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की थी। पुतिन को जी-20 सम्मेलन के लिए भारत आना था लेकिन वह आखिरी मौके पर उन्होंने यहां पर आना कैंसिल कर दिया था। पुतिन ने फोन करके पीएम मोदी से इस सम्मेलन में शामिल न होने की असमर्थता जताई थी। मोदी ने भी भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत सभी पहलों के लिए रूस के लगातार समर्थन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया था।
हाल ही में पुतिन ने पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की थी। रूसी राष्ट्रपति ने मॉस्को में एक कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय कानून को मौजूदा जरूरतों के अनुरूप ढालने की जरूरत पर भी जोर दिया। उनका मानना था कि भारत जैसे प्रभावशाली देश वैश्विक मामलों में बड़ी भूमिका के हकदार हैं। पुतिन ने कहा था कि किसी और देश पर नियम नहीं थोपने चाहिए। किसी को भी दूसरों के लिए दुनिया पर शासन करने का अधिकार नहीं है। भारत पूरी तरह से आजाद और अपने फैसले ले सकता है।
पुतिन ने कुछ दिनों पहले पीएम मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि घरेलू उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए हमारा देश भारत जैसे अपने भागीदारों की सफलता का अनुकरण कर सकता है। उनका कहना था, ‘मेक इन इंडिया की वजह से भारतीय, भारत में बनी गाड़ियों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मुझे लगता है कि पीएम प्रधानमंत्री मोदी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने में सही काम कर रहे हैं। वह सही हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि रूस में विनिर्मित वाहनों का उपयोग करना बिल्कुल सही होगा।