उत्तराखंड

पर्वतीय जिलों में निवेश के लिए जल्द जिलाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे सीएम धामी

देहरादून(निहाल): उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 8 और 9 दिसंबर को होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर राज्य सरकार दमखम से तैयारी में जुटी हुई है। मौजूदा समय में न सिर्फ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह में बल्कि कैबिनेट मंत्री भी लगातार निवेशकों से बातचीत कर उत्तराखंड में निवेश के लिए एमओयू साइन कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक ढाई लाख करोड रुपए के लक्ष्य के सापेक्ष सरकार ने 69,300 करोड रुपए का एमओयू साइन कर चुकी है। ऐसे में प्रदेश के चार जिलों के अतिरिक्त खासकर पर्वतीय जिलों में भी उद्योग लगे इसको लेकर सीएम धामी जल्द ही सभी जिलाधिकारी के साथ बैठक करने जा रहे हैं।

दरअसल, उत्तराखंड में निवेश के लिए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के चार जिलों में 6 हजार एकड़ लैंड बैंक तैयार किया है। ताकि अधिक से अधिक उद्योगों को यहां लाया जा सके। हालांकि, प्रदेश में मौजूदा समय में मैदानी जिलों में ही उद्योग स्थापित है। जा अब सरकार इस बाबत कोशिश करने जा रही है कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भी उद्योगों को स्थापित किया जा सके। मुख्य रूप से प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन, एडवेंचर टूरिज्म और हेल्थ वैलनेस संबंधित इंडस्ट्री लगने की संभावनाए है।

वही, सीएम ने कहा कि निवेशकों के लिए चार जिले में लैंड बैंक उपलब्ध है। लेकिन जो इंडस्ट्री पहाड़ों में पर्यटन, एडवेंचर टूरिज्म, हेल्थ वेलनेस के क्षेत्र में जाएंगी। उन सभी को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उद्योग सिर्फ चार जिले में ना लगे बल्कि पहाड़ों में भी लगे। इस संबंध में जल्द ही जिलाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। हालांकि, पहले भी जिलाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है कि उनके जिलों में क्या-क्या संभावनाएं है उसकी जानकारी उपलब्ध कराए।

साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विशेष रूप से इंडस्ट्री में पर्यटन, वेलनेस और हेल्थ सेक्टर पर विशेष फोकस है। इसके अलावा एडवेंचर टूरिज्म में ही काफी लोगो ने काम करने में रुचि जताई है। इसके अलावा, हेल्थ के क्षेत्र में कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए लोग यहां पर आना चाहते है। यही नहीं, फार्मा भी एक बड़ा सेक्टर है और ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में पहले से ही बड़ी बड़ी कंपनिया काम कर रही है। इसके साथ ही जो पुरानी कंपनियां चल रही है वह भी अपनी कंपनियों को बढ़ाना चाहती हैं। हालांकि, निवेश के लिए नियमों में भी बदलाव किए गए हैं।

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