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हीरालाल सामरिया बने मुख्य सूचना आयुक्त, देश में पहली बार किसी दलित को CIC की कमान

नईदिल्ली : देश के नए मुख्य सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया बने हैं। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सामरिया को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के प्रमुख के रूप में शपथ दिलाई। समारिया राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले हैं। समारिया देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त बने हैं। समारिया 1985 बैच के IAS अधिकारी हैं। इससे पहले वो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सेक्रेटरी के रूप में भी काम कर चुके हैं। मुख्य सूचना आयुक्त का पद 3 अक्टूबर से खाली था, जब वाई. के. सिन्हा का कार्यकाल पूरा हुआ था।बता दें कि हीरालाल समारिया देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त हैं. राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले समारिया 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.

समारिया फिलहाल सूचना आयुक्त के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। समारिया का 14 सितंबर 1960 को राजस्थान के भरतपुर जिले के पहाड़ी गांव में हुआ था। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से सिविल (ऑनर्स) की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने 1985 में सिविस सर्विज ज्वॉइन की। सूचना आयोग से मिली जानकारी के अनुसार वो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव और अतिरिक्त. सचिव के पद पर काम कर चुके हैं। वहीं वो रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में भी बतौर एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर काम चुके हैं। इसके अलावा वो नगर प्रशासन सचिवालय, हैदराबाद में संयुक्त सचिव और करीम नगर में कलेक्टर और डी.एम भी रहे हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह के दौरान सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त पद की शपथ दिलाई। सामरिया की मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति के बाद सूचना आयुक्त के आठ पद रिक्त हैं। आयोग में इस समय दो सूचना आयुक्त हैं। आरटीआई मामलों के सर्वोच्च अपीलीय प्राधिकरण केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम 10 सूचना आयुक्त हो सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाने का केंद्र एवं राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए 30 अक्टूबर को कहा था कि ऐसा नहीं होने पर सूचना का अधिकार कानून ‘निष्प्रभावी’ हो जाएगा।

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