उत्तराखंड

60 मीटर का मलबा 14-15 घंटों में हो जाएगा पार, फंसे मजदूरों को 1-2 घंटे में निकाल लेगी NDRF की टीम

उत्तरकाशी: उत्तराखंड (Uttarakhand) की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में मलबे में ड्रिलिंग के दौरान आई बाधा को दूर करने के बाद गुरुवार को सुबह फिर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और तब से 41 मजदूर उसमें फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है ।

अधिकारियों ने बताया कि मजदूरों के लिए मलबे में रास्ता तैयार करने हेतु अमेरिकी ऑगर मशीन से बुधवार को की जा रही ड्रिलिंग के दौरान सामने आए लोहे के सरिये को हटा दिया गया है लेकिन इससे अभियान में 12—14 घंटे की देरी हो गई। बचाव कार्य की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया कि लोहे के सरिये के कारण उत्पन्न समस्या को दूर कर लिया गया है। गैस कटर का इस्तेमाल कर सरिये को काट दिया गया है।

खुल्बे ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान में शामिल बचावकर्मियों को ड्रिलिंग पूरी करने और मजदूरों तक पहुंचने में 12 से 14 घंटे और लगेंगे। बुधवार देर रात बाधा आने के बाद 800 मिलीमीटर व्यास वाले स्टील पाइप को मलबे में डालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था । खुल्बे ने कहा कि बुधवार शाम मलबे के 45 मीटर अंदर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गयी थी लेकिन उसके बाद मलबे में लोहे का सरिया मिलने से पांच-छह घंटे काम रुका रहा।

मजदूरों तक पहुंचने के लिए अब मलबे को केवल 12 मीटर भेदा जाना बाकी है। सत्रह नवंबर को भी किसी कठोर सतह से टकराने के कारण तेज आवाज आने के बाद अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग रोक दी गयी थी जो मंगलवार मध्यरात्रि के बाद फिर शुरू की गयी। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग कर उसमें छह-छह मीटर लंबे, 800 मिलीमीटर व्यास के पाइपों को जोड़कर मजदूरों को निकालने का रास्ता बनाया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि रास्ता तैयार करने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के जवान मजदूरों को एक—एक कर बाहर लाएंगे जिसके लिए पूर्वाभ्यास (Mock Drill) कर लिया गया है । इस बीच, मजदूरों के बाहर आते ही उन्हें चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के लिए घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का अस्पताल तैयार किया गया है। सुरंग के बाहर भी चिकित्सकों और उपकरणों से लैस एंबुलेंस तैयार खड़ी हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह और NDRF के महानिदेशक अतुल करवाल बचाव कार्यों की समीक्षा करने के लिए सिलक्यारा पहुंच गये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं।

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