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पेट्रोल पंपों में रोज ऐसे कटती है आपकी जेब, जान लें ये 4 तरीके..

देहरादून (गौरव ममगाईं)। पेट्रोल पंप, ऐसा केंद्र है जहां हर व्यक्ति रोजाना पहुंचता ही है। कोई दोपहिया वाहन में पेट्रोल डलवाता है तो कोई कार व पब्लिक वाहन में.. लेकिन गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए पेट्रोल-डीजल हर किसी को भरवाना पड़ता ही है।

 क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल पंपों में जब आप गाड़ी में पेट्रोल या डीजल भरवा रहे होते हैं तो आप घटतौली का शिकार हो रहे होते हैं। जी हां, पेट्रोल पंपों में घटतौली के कई ऐसे तरीके हैं, जिसके खेल में रोज आपकी जेब कट रही होती है, लेकिन आप मीटर में रकम देखकर संतुष्ट हो जाते हैं और आपको इसकी खबर तक नहीं हो पाती।

 चलिये हम आपको बताते हैं पेट्रोल पंपों में किन-किन तरीकों से आपकी जेब काटी जा सकती है और इससे बचने के क्या उपाय हैं ..

नंबर-1

नोजल’ कट से कटती है आपकी जेब-

पेट्रोल पंप की मशीन में जिस ‘नोजल’ को आपके वाहन की टंकी में लगाया जाता है, उसमें कट लगाकर आपकी जेब भी काटी जा सकती है। दरअसल, आज लगभग सभी पेट्रोल पंपों में ऑटो कट मशीन हैं। यानी जब मशीन में पेट्रोल या डीजल की रकम फीड की जाती है तो नोजल से उतने ही रुपये का पेट्रोल-डीजल निकलता है। इसके बाद नोजल खुद कट कर देता है।

 लेकिन, इसी कट में खेल होता है। वो ऐसे कि जैसे ही मशीन के मीटर में निर्धारित राशि दिखती है, वैसे ही पंपकर्मी नोजल को अपने हाथ से कट कर देता है। इस दौरान पाइप में थोड़ी सी मात्रा में पेट्रोल-डीजल रुका रहता है, जो आपकी टंकी में नहीं जा पाता। इसके बाद कर्मी नोजल को टंकी से निकालकर मशीन में रख देते हैं। जबकि, नियम यह है कि कर्मी नोजल को कट नहीं करेगा, क्योंकि नोजल खुद ही पेट्रोल-डीजल की मात्रा पूरी होने के बाद ऑटो-कट हो जाता है। इसमें घटतौली की मात्रा भले ही कम होती है, लेकिन रोजाना इस तरह कई लीटर पेट्रोल-डीजल ठिकाने लगाया जाता है। अधिकांश लोग इसका ही रोज शिकार होते हैं।

नंबर-2

ध्यान हटा और मीटर में हो जाता है खेल-

विधिक बाट-माप विभाग के अनुसार, कई बार पेट्रोल पंपों में लोगों का ध्यान हटाकर मीटर में भी खेल किया जाता है। दरअसल, जब कोई व्यक्ति 50, 60, 70 रुपये जैसी मामूली राशि में पेट्रोल-डीजल लेता है तो पंपकर्मी कई बार नोजल को मशीन पर नहीं रखता। मशीन में सही अवस्था में नोजल को नहीं रखने के कारण मशीन पूर्व की 50, 60, 70 के रूप में उसी राशि के बाद से पेट्रोल-डीजल डालना शुरू करती है। ऐसे में कर्मी नोजल को वाहन की टंकी पर लगाने के बाद वाहन चालक को किसी बात में उलझाने का प्रयास भी करते हैं, जैसे ही वाहन चालक का ध्यान इधर-उधर रहता है वैसे ही कर्मी नोजल को दबाता है, और मशीन के मीटर में शून्य से राशि बढ़ने के बजाय पहले की राशि के बाद बढ़नी शुरू होती है।

 शुरुआती सेकेंड की गड़बड़ी पर वाहन चालक का ध्यान नहीं जाता और उसके बाद वो मीटर में देखता है तो मीटर सामान्य तरह से चलता हुआ नजर आता है और निर्धारित राशि पर रुक जाता है। यह देखकर वाहन चालक संतुष्ट हो जाता है। विभाग के अनुसार, यह खेल अधिकांश चारपहिया वाहन चालकों के साथ होता है, क्योंकि वो विंडो से ही कर्मी को पैसे दे देते हैं और वाहन से बाहर भी नहीं निकलते।

नंबर-3

पेट्रोल-डीजल में मिलावट की भी मिलती हैं शिकायतें

विभाग के अनुसार, कई बार पेट्रोल पंपों में पेट्रोल-डीजल में मिलावट की शिकायतें भी मिलती हैं। इसमें पेट्रोल-डीजल में पानी मिलने की शिकायत भी मिलती हैं। लोगों की शिकायत रहती हैं कि उन्होंने एक-दो दिन पहले ही वाहन की सर्विस कराई और  पेट्रोल डलवाते ही वाहन में समस्या आ गई। वाहन के टैंक से भी पेट्रोल-डीजल में कई बार पानी की मात्रा पायी गई है। हालांकि, इस तरह के केस में कई बार पेट्रोल पंपों की कोई भूमिका नहीं होती हैं। कई बार नमी के कारण भी यह समस्या आती है।

नंबर-4

पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता की भी शिकायत

कई बार लोगों की शिकायतें रहती हैं कि कुछ पेट्रोल पंपों में पेट्रोल व डीजल डलवाने पर उनके वाहन के एवरेज में कमी देखने को मिलती है। विभाग के अनुसार, कई बार पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता को लेकर भी शिकायत मिलती हैं। हालांकि, ऐसे मामले भी बहुत कम देखने को मिलते हैं।

विभाग की ओर से अपील-

नंबर-1

जब भी आप पेट्रोल पंप में तेल भरवाएं तो पंपकर्मी को पहले ही बोल दें कि मशीन के नोजल को टंकी में लगाकर छोड़ दें और खुद से कट न करें। मशीन में ऑटो-कट होने के कारण नोजल पेट्रोल-डीजल पूरा होने के बाद खुद कट हो जायेगा।

नंबर-2

आप जब भी वाहन में पेट्रोल-डीजल डलवाते हैं तो मीटर को शुरुआती सेकेंड पर अवश्य देंखें। मीटर शून्य से शुरू होना चाहिए और निर्धारित राशि पर रुकना चाहिए।

नंबर-3

अगर आपको शिकायत है कि पेट्रोल-डीजल में पानी की मात्रा हो सकती है तो पेट्रोल पंप के मैनेजर के पास जाकर शिकायत करें और ट्रांसपेरेंट बोतल पर पेट्रोल या डीजल को भरकर अपना शक दूर कर सकते हैं।

नंबर-4

अगर आपको पेट्रोल या डीजल की गुणवत्ता को लेकर शिकायत है तो आप पेट्रोल पंप के मैनेजर के पास जाकर शिकायत कर सकते हैं। इसके बाद मैनेजर के पास एक विशेष प्रकार का पेपर होता है जिस पर पेट्रोल या डीजल की थोड़ी मात्रा डालकर जांच किया जा सकता है। गुणवत्ता कम होने पर पेपर में विशेष प्रकार का रंग नजर आता है।

 अगर आप इन चारों उपायों को रोज ध्यान में रखोगे तो आप कभी भी पेट्रोल पंपों में घटतौली का शिकार नहीं हो पायेंगे। एक उपभोक्ता के रूप में हम सभी का जागरूक होना जरूरी है, क्योंकि हम अपनी मेहनत की गाढ़ी कमायी को यूं ही घटतौली के खेल में जरा भी क्यों जाने दें…

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