HDFC सिक्योरिटीज ने वेल्थ एडवाइजरी बिजनेस ‘एचडीएफसी ट्रू’ किया लॉन्च
मुंबई (अनिल बेदाग)
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपनी नई वेल्थ एडवाइजरी पेशकश ‘एचडीएफसी ट्रू’ के शुभारंभ की घोषणा की है। इक्विटी रिसर्च, ब्रोकिंग और वित्तीय वितरण में एक विश्वसनीय नाम के रूप में कंपनी की यात्रा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। स्टॉकब्रोकर के रूप में 20 से अधिक वर्षों के अनुभव और डिजिटल रूप से 5.7 मिलियन से अधिक ग्राहकों तक व्यापक पहुंच और देश भर में फैली 250 से अधिक शाखाओं के साथ, एचडीएफसी सिक्योरिटीज अब हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई), अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनआई), फैमिली ऑफिस और कॉरपोरेट ट्रेजरी के लिए व्यापक वेल्थ एडवाइजरी समाधान प्रदान करने के लिए अपने सर्विस पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है। इस नई पेशकश के साथ, एचडीएफसी सिक्योरिटीज का लक्ष्य भारत में वेल्थ एडवाइजरी सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करते हुए व्यक्तिगत, बेहतर वित्तीय समाधान प्रदान करना है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ धीरज रेली ने कहा, ‘‘हम अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत वित्तीय समाधानों के साथ और सशक्त बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर मजबूती से कायम हैं और इसी दिशा में कदम उठाते हुए हम अपना वेल्थ एडवाइजरी बिजनेस ‘एचडीएफसी ट्रू’ शुरू कर रहे हैं। हम विश्वास दिलाना चाहते हैं कि ईमानदारी और विशेषज्ञता के हमारे सिद्धांतों के दम पर हम ग्राहकों को उनके वित्तीय उद्देश्यों को हासिल करने में यथासंभव मदद कर सकेंगे।’ ‘एचडीएफसी ट्रू’ की शुरुआत के साथ, हम एचएनआई, यूएचएनआई, फैमिली ऑफिस और कॉरपोरेट ट्रेजरी के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए वेल्थ एडवाइजरी सॉल्यूशंस को शामिल करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार करने जा रहे हैं। एचडीएफसी ट्रू का नेतृत्व वेल्थ मैनेजमेंट और सलाहकार भूमिकाओं में अनुभवी प्रणव उनियाल करेंगे, जो पिछले आधे दशक से एचडीएफसी समूह का अभिन्न अंग रहे हैं। उन्हें मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई में स्थित उद्योग के वरिष्ठ और दिग्गज लोगों का समर्थन प्राप्त होगा।’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वेल्थ एडवाइजरी प्रमुख प्रणव उनियाल ने कहा, भारत में वेल्थ एडवाइजरी सेवाओं का दायरा बहुत बड़ा है और लगातार विकसित हो रहा है। जैसे-जैसे देश में संपन्न लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है और कॉर्पाेरेट आय में विस्तार हो रहा है, बेहतर और कस्टमाइज्ड वित्तीय सॉल्यूशंस की मांग बढ़ रही है। भारत की घरेलू वित्तीय संपत्तियां तीन गुना बढ़ने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 में लगभग 350 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अगले दशक में 1,000 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।