उत्तराखंड

धामी की बढ़ती लोकप्रियता के आगे बेबस कांग्रेस और टूलकिट गैंग!

मदरसे, नक़ल माफिया और भ्रष्टाचार पर ताबड़तोड़ एक्शन से कांग्रेस की राज्य इकाई बेबस होकर ले रही राष्ट्रीय नेताओं का सहारा

देहरादून: पुष्कर सिंह धामी सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि उत्तराखंड की आत्मा की आवाज़ बन चुके हैं। एक ऐसा नेता जिसने केवल देश की 1% से भी कम आबादी वाले राज्य को राष्ट्रीय फलक पर लाकर खड़ा कर दिया है। कांग्रेस और उसके सहयोगी मीडिया पोर्टल्स — जैसे कि ‘न्यूज़ लॉन्ड्री’, ‘द वायर’, और अन्य कथित टूलकिट नेटवर्क — धामी की बढ़ती लोकप्रियता और निर्णायक नेतृत्व से बुरी तरह घबराए हुए हैं।

‘लैंड जिहाद’ और ‘लव जिहाद’ पर करारा प्रहार

धामी सरकार ने राज्य में तेजी से फैल रहे ‘लैंड जिहाद’ के खिलाफ ऐतिहासिक फैसले लिए। अवैध कब्जों को हटाया गया, और धार्मिक आधार पर ज़मीन की खरीद-फरोख्त की साजिशों का पर्दाफाश हुआ। ‘लव जिहाद’ जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी सरकार ने आँखें मूंदने के बजाय कानूनी रूप से सख्त कदम उठाए, जिससे राज्य में सामाजिक संतुलन बना रहे।

मदरसा सर्वे और बंदी: कठोर लेकिन ज़रूरी कदम

राज्य सरकार ने मदरसों का सर्वे कर यह सुनिश्चित किया कि कहीं ये कट्टरपंथ या अवैध गतिविधियों के अड्डे तो नहीं बन रहे। कई फर्जी या बिना मान्यता के चल रहे मदरसों को बंद किया गया। इस पर तथाकथित सेकुलर गैंग ने खूब शोर मचाया, लेकिन जनता ने धामी के निर्णय को समर्थन दिया।

नकल माफिया की कमर तोड़ी, शिक्षा को पुनर्जीवित किया

उत्तराखंड की सरकारी परीक्षाओं में नकल माफिया का बोलबाला था। धामी सरकार ने ‘नकल विरोधी कानून’ लाकर इस गंदगी को साफ किया। परीक्षा केंद्रों में हाईटेक निगरानी, कड़ी सुरक्षा और फास्ट-ट्रैक कोर्ट जैसी व्यवस्थाओं से युवा वर्ग में विश्वास लौटा है।

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति

सरकारी भर्ती घोटालों से लेकर अफसरशाही के भ्रष्ट तंत्र तक, धामी सरकार ने कोई समझौता नहीं किया। सैकड़ों अधिकारियों पर कार्रवाई हुई, और फर्जी डिग्रियों से नौकरी पाने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। जनता को दिखा कि अब ‘घूसखोरी’ नहीं, ‘गवर्नेंस’ चलेगा।

समान नागरिक संहिता (UCC): एक साहसिक निर्णय

देश का पहला राज्य बनने की दिशा में उत्तराखंड ने साहसिक कदम उठाया और ‘समान नागरिक संहिता’ को कानूनी रूप दिया। इससे देशभर में सकारात्मक संदेश गया और यह दिखा कि धामी किसी भी राजनीतिक जोखिम से डरते नहीं, बल्कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हैं।

टूलकिट गिरोह का प्रोपेगेंडा हुआ नाकाम

जब से धामी ने जमीनी स्तर पर परिवर्तन लाना शुरू किया, तभी से टूलकिट गैंग सक्रिय हो गया। ‘द वायर’, ‘न्यूज़ लॉन्ड्री’ और ऐसे कई पोर्टल्स ने फर्जी स्टोरीज़, मिसलीडिंग हेडलाइन्स और एजेंडा-चालित रिपोर्टिंग से माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन जनता अब जाग चुकी है। सोशल मीडिया पर युवा वर्ग ने इन नैरेटिव्स की धज्जियां उड़ा दीं।

मोदी के ‘सपनों के उत्तराखंड’ की दिशा में तेज़ी से कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को “स्पिरिचुअल इकोनॉमी” और “सुरक्षित सीमावर्ती राज्य” के रूप में विकसित करने की बात कही थी। धामी सरकार इस दिशा में तीव्रता से काम कर रही है — चारधाम यात्रा का डिजिटलीकरण, सीमावर्ती क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और युवाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं इसकी मिसाल हैं।

धामी और उत्तराखंड पर हमला असल में राष्ट्रवाद और विकसित भारत के सापेक्ष विकसित राज्य के उभरते मॉडल पर हमला है

धामी को बदनाम करने की कोशिश दरअसल उस नए भारत को बदनाम करने की साजिश है, जो मोदी-धामी जैसे नेताओं के नेतृत्व में विकसित हो रहा है। लेकिन ये साजिशें टिक नहीं पाएंगी, क्योंकि अब जनता समझ चुकी है —
“जो काम करता है, वही निशाने पर होता है।”
और धामी सिर्फ काम ही नहीं कर रहे, बल्कि इतिहास रच रहे हैं।

Related Articles

Back to top button