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अमेरिकी सांसद ने PM मोदी को बता दिया भारत का चेहरा, रूस और चीन को लेकर कह दी बड़ी बात

वाशिंगटन: अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने भारत में 2014 से हुई आर्थिक प्रगति एवं विकास कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। सांसद ने कहा कि पीएम मोदी भारत का चेहरा बन गए हैं। अमेरिकी संसद में भारत के बड़े समर्थकों में से एक माने जाने वाले ब्रैड शरमन ने कहा कि भारत और अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत होते देखा है।

ब्रैड शरमन ने कहा कि रूस के साथ भारत के रक्षा संबंध, भारत और अमेरिका के संबंधों के लिए एक चुनौती हैं। शरमन ने ‘पीटीआई’ से साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘वह (मोदी) भारत का चेहरा बन गए हैं और हमने बहुत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति देखी है। बेशक, हर देश की अपनी चुनौतियां होती हैं, हर नेता की अपनी चुनौतियां होती हैं। मैं किसी देश की सफलता का श्रेय केवल एक नेता को नहीं देता। मेरा मतलब है कि आपके पास 1.3 अरब से अधिक लोग हैं और वो सभी भारत को और अधिक सफल देश बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।’’

शरमन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के डेमोक्रेटिक सदस्य हैं और पिछले 28 साल से भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत के संबंध काफी मजबूत हुए हैं। मैं यह जानता हूं क्योंकि मैं यहां प्रतिनिधि सभा में ‘यूएस इंडिया कॉकस’ का पूर्व अध्यक्ष हूं, जो सबसे बड़ा है। हमने इसे सभी द्विदलीय कॉकस में सबसे बड़ा बनाया है। ’’

शरमन ने कहा कि विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत के बीच व्यापार तेजी से बढ़ा है। निस्संदेह, भारतीय-अमेरिकी सबसे अधिक शिक्षित हैं और अमेरिका में सभी जातीय समूहों की तुलना में उनकी आय सबसे अधिक है।’’ शरमन ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों का और विस्तार होते देखना चाहेंगे।

ब्रैड शरमन ने कहा, ‘‘मैंने कई व्यवसायियों से इस बारे में बात की है कि कैसे भारत निवेश के लिए उत्कृष्ट स्थान है और उन देशों की तुलना में व्यापार करने के लिए एक बेहतर जगह है जो लोकतांत्रिक नहीं हैं और जहां कानून का स्थापित नियम नहीं है। विशेष रूप से जो लोग चीन में निर्माण करते हैं, उन्हें इस तथ्य पर विचार करना चाहिए कि वह लोकतांत्रिक देश नहीं है और वह ऐसा देश नहीं है जिसके कानून के शासन की प्रणाली पर भरोसा किया जा सके।’’

शरमन ने कहा, ‘‘किसी व्यवसाय की सफलता के लिए निष्पक्ष और ईमानदार अदालत प्रणाली तक पहुंच होना अत्यंत महत्वपूर्ण है जो भारत में है लेकिन कुछ देशों में नहीं है।’’ अमेरिकी सांसद ने साथ ही कहा कि भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध बरकरार हैं और यह अमेरिका-भारत संबंधों के लिए एक चुनौती है।

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