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विजयदशमी पर तीन बेहद दुर्लभ संयोग,रावण दहन का शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली : दशहरा का पर्व अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर असत्य पर सत्य को विजय दिलाई थी, इसलिए त्रेताकाल से आज तक इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। दस सिर के वरदान वाले रावण के अंत की वजह से ही इसे कहीं दशहरा तो कहीं दसहारा भी कहा जाता है। चलिए जानते दशहरे पर बन रहे शुभ योग और मुहूर्त के बारे में पूरी जानकारी।

ये हैं तीन अति शुभ योग

इस वर्ष विजयदशमी पर तीन बेहद खास और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ये तीनों शुभ योग रवि, सुकर्मा और धृति हैं, जो इस दिन को महत्वशाली बना रहे हैं। इस योग में पूजा पाठ करने से घर में सुख–समृद्धि बढ़ेगी और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होगा। इस दिन किसी भी चीज की खरीददारी करना लाभप्रद रहेगा। वहीं, लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें। ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है।

दशहरा पर श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग– श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ– 04 अक्टूबर 2022 को रात्रि 10:51 पर प्रारंभ होगा जो अगले दिन 5 अक्टूबर 2022 को रात्रि 09:15 पर समाप्त होगा

अबूझ मुहूर्त : वैसे तो दशहरा के दिन को साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक माना जाता है इसलिए पूरा दिन ही शुभ होता है।

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